यूपी में सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, निर्देश ना मानने पर रोक दी जाएगी सैलरी​

 उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को संपत्ति का ब्यौरा सरकार को देने की आखिरी तारीख एक महीने बढ़ाई गई. यूपी सरकार ने कहा था कि 31 अगस्त तक राज्य कर्मचारी अगर अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देंगे तो उनकी तनख्वाह रोक दी जाएगी. अब सरकार ने संपत्ति की जानकारी देने की आखिरी तारीख 30 सितंबर कर दी है.

उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों ने वक्त रहते अगर अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया तो उनको तनख्वाह मिलने से रही. सरकार ने ब्यौरा देने की आख़िरी तारीख़ एक महीने बढ़ा दी है. 30 सितंबर तक सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति की जानकारी देनी होगी, वरना अकाउंट में सैलरी क्रेडिट ही नहीं होगी.पहले इसके लिए 31 अगस्त तक की डेडलाइन दी गई थी. लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है. अब संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कर्मचारियों के पास पूरा सितंबर महीना है.  यूपी सरकार ने पहले कहा था कि 31 अगस्त तक राज्य कर्मचारी अगर अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देंगे तो उनकी तनख़्वाह रोक दी जाएगी. अब सरकार ने संपत्ति की जानकारी देने की आख़िरी तारीख़ एक महीने बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है.

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने 17 अगस्त को सभी राज्य कर्मचारियों को उनकी संपत्ति का ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया था. सभी विभागों को भी ये आदेश दिया गया था कि जो कर्मचारी 31 अगस्त तक संपत्ति का ब्यौरा देते हैं, उनकी ही अगस्त की सैलरी रिलीज की जाए. जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में करीब 846640 राज्य कर्मचारी हैं. इनमें से 602075 कर्मचारियों ने ही अब तक मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया है.  

सामने आई जानकारी के मुताबिक, जिन विभागों ने अब तक संपत्ति का ब्यौरा दिया है, उनमें सैनिक कल्याण, टैक्सटाइल, खेल, ऊर्जा, कृषि और महिला कल्याण विभाग के कर्मचारी शामिल हैं. वहीं संपत्ति छिपाने के मामले में शिक्षा विभाग, हेल्थ और औद्योगिक और राजस्व विभाग के कर्मचारियों का नाम सामने आ रहा है. 

यूपी के डीजीपी हेडक्वार्टर ने नियुक्ति विभाग को चिट्ठी लिखकर संपत्ति का ब्यौरा दिए जाने के लिए समय सीमा बढ़ाए जाने की अपील की थी. चिट्ठी में कहा गया था कि पुलिस भर्ती एग्जाम और त्योहारों की वजह से बहुत से पुलिसकर्मी समय पर अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दे सके. खबर ये भी है कि सही समय पर संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने की वजह से बहुत से कर्मचारियों की सैलरी रोक दी गई है. 
 

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