राजस्‍थान में निवेश बढ़ाने की कोशिश में जुटी राज्‍य सरकार, इंग्लैंड, जर्मनी और सिंगापुर में करेगी रोड शो​

 राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) का राज्य की अर्थव्यवस्था को अगले 5 साल में दोगुना करने का लक्ष्य है. यही कारण है कि निवेश लाने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठा रही है. इसके लिए अब इंग्लैंड, जर्मनी और सिंगापुर में रोड शो किया जाएगा.

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan lal Sharma) ने दिल्ली में राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टर मीट (Rising Rajasthan Investor Meet) के तहत मंगलवार को सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के बड़े अधिकारियों और महत्वपूर्ण देशों के राजदूतों के साथ विशेष मुलाकात की. राजस्थान को एक अट्रैक्टिव इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के तौर पर प्रोजेक्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने देशी और विदेशी निवेशकों से राजस्थान की अर्थव्यवस्था में ज्यादा से ज्यादा निवेश करने का आग्रह किया.

दिल्ली में दो दिन तक चले “राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट मीट” के दौरान देशी-विदेशी निवेशकों, उद्योग और व्यापार जगत के दिग्गजों, इनोवेटर्स, स्टार्टअप्स और अन्य संबंधित स्टेकहोल्डर्स को राज्य में निवेश करने और 9-10-11 दिसंबर को जयपुर में आयोजित ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया गया. 

दिल्ली और मुंबई में “राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट मीट” में सफलता के बाद अब राजस्थान सरकार इंग्लैंड, जर्मनी और सिंगापुर में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को लुभाने के लिए रोड शो करने की तैयारी कर रही है.

इन दिग्‍गज कंपनियों के साथ साइन किया एमओयू

अब तक दिल्ली और मुंबई में इन्वेस्टर्स मीट और रोडशो के दौरान राजस्थान सरकार टाटा पावर, इंडियन ऑयल, अवाडा ग्रुप, एनएचपीसी, रिलायंस बायो एनर्जी, टोरेंट पावर, स्टरलाइट पावर ट्रांसमिशन, महिंद्रा सस्टेन प्राइवेट लिमिटेड, टीएचडीसी इंडिया, ऑयल इंडिया, जिंदल रिन्यूएबल पावर, एस्सार रिन्यूएबल्स, इंद्रप्रस्थ गैस, अदानी लॉजिस्टिक्स, जेके सीमेंट, बीएल एग्रो इंडस्ट्रीज, टीटागढ़ रेल सिस्टम्स जैसी कंपनियों के साथ निवेश संबंधी एमओयू (MoU) साइन कर चुकी है.

12.50 लाख करोड़ के एमओयू पर हस्‍ताक्षर : राठौड़

‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के तहत नई दिल्ली में ‘इन्वेस्टर मीट’ के दौरान राजस्थान में निवेश के लिए राज्य सरकार के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन और विभिन्न कंपनियों के बीच 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश संबंधी एमओयू (MoUs) पर हस्ताक्षर किए. इसके साथ ही, प्रदेश में निवेश के लिए किए साइन गए एमओयू (MoUs) का वैल्यू बढ़कर 12.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है, जो 2047 तक राज्य को ‘विकसित राजस्थान’ में बदलने के राजस्थान सरकार के लक्ष्य को ध्यान में रखकर किया गया है.

एनडीटीवी से बातचीत में राजस्थान सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, “सोमवार को देशी और विदेशी निवेशकों के साथ संवाद के बाद मंगलवार को हमने सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के बड़े अधिकारियों के साथ लंबी मुलाकात कर और उनसे राजस्थान में महत्वपूर्ण सेक्टर में नया निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है. सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के पास काफी ज्यादा फंड्स हैं. उन्होंने देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई अब हम चाहते हैं कि वह राजस्थान के निर्माण और विकास में भी सक्रिय योगदान देने के लिए बड़े स्तर पर निवेश की योजना तैयार करें. हमने मुंबई और दिल्ली में राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टर मीट के दौरान राजस्थान सरकार ने छोटी बड़ी कंपनियों के साथ करीब 12.50 लाख करोड़ रुपए के MoU पर हस्ताक्षर किए हैं. अब भजनलाल शर्मा सरकार का फोकस निवेश के नए प्रस्तावों को जमीन पर लाने पर है”.

5 साल में राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था को दोगुना करने का लक्ष्‍य

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कुछ देशों के राजनयिकों और राजदूतों से भी मिले और उन्हें राजस्थान में विदेशी निवेश की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया. अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, डेनमार्क, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, तुर्की, स्पेन, स्विट्जरलैंड, ब्राजील, कतर, दक्षिण अफ्रीका जैसे प्रमुख देशों के राजदूतों/राजनयिकों ने इस राउंडटेबल में भाग लिया.

राजस्थान सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को अगले 5 साल में दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है और इस लक्ष्य को हासिल हासिल करने के लिए सरकार का सबसे ज्यादा फोकस पर्यटन उद्योग के विस्तार, रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में निवेश बढ़ाने और राजस्थान में नई स्मार्ट सिटीज और हाइटेक सिटी के निर्माण के लिए रियल एस्टेट सेक्टर में बड़े प्रोजेक्ट देसी और विदेशी निवेश को बड़े स्तर पर आकर्षित करने की है.

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