आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर एचसी वर्मा रिसर्च ग्रांट (Research Grant) पर से जीएसटी हटाने के निर्णय से काफी खुश नजर आए. हालांकि उन्होंने कहा कि यह सवाल है कि खुशी जाहिर करने की जरूरत ही क्यों आई.
दुनिया में सबसे ज्यादा तरक्की उन्हीं देशों ने की है, जिन्होंने शोध और अनुसंधान पर सबसे ज्यादा जोर दिया है. अमेरिका, चीन, जर्मनी, जापान, दक्षिण कोरिया जैसे तमाम देशों का उदाहरण हमारे सामने है. रिसर्च के लिए पैसा कम मिले और उस पर टैक्स भी लगा दिया जाए तो स्थिति गंभीर हो जाती है. भारत में अभी तक रिसर्च ग्रांट (Research Grant) पर जीएसटी लग रहा था, लेकिन अब जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने रिसर्च ग्रांट पर टैक्स नहीं लगाने का निर्णय लिया है. इसे लेकर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर एचसी वर्मा काफी खुश नजर आए. हालांकि उन्होंने कहा कि यह सवाल है कि खुशी जाहिर करने की जरूरत ही क्यों आई.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के विभिन्न विभागों में तालमेल की कमी है. उन्होंने कहा कि एक विभाग हमें नोटिस भेजता है और और जब हल्लागुल्ला होता है तो केंद्र सरकार फैसला लेती है कि इसे हटा लिया जाए. उन्होंने कहा कि रिसर्च पर टैक्स लगाना ही विचित्र मानसिकता की बात है.
रिसर्च को लेकर परिणाम की चिंता न करें : वर्मा
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रिसर्च में हम कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं. हम नई चीजों को ढूंढ रहे हैं. नई तकनीक विकसित कर रहे हैं. कुछ चीजें होती हैं, जिनमें हमें थोड़ा सा अनुमान होता है, लेकिन विशेष कर विज्ञान के रिसर्च में हम बिलकुल अनुमान नहीं लगा सकते हैं क्योंकि हम नई चीज ढूंढ रहे होते हैं. इस कारण से आपको लगता है कि बहुत सालों से रिसर्च कर रहे हैं, क्या निकल कर आया. लेकिन जब रिसर्च की परंपरा बनी रहेगी तो बहुत सारे रिसर्च में से कोई एक कामयाब होगा.
उन्होंने कहा कि इस बात की बिलकुल चिंता करने की जरूरत नहीं है कि बहुत सी जगहों पर रिसर्च हो रहा है और उसका परिणाम नहीं आ रहा है.
हर यूनिवर्सिटी में रिसर्च का कल्चर जरूर हो : वर्मा
प्रोफेसर वर्मा ने कहा कि हायर एज्युकेशन में हम बहुत पीछे हैं. हमारे बच्चे भी रिसर्च में जाना नहीं चाहते हैं क्योंकि उन्हें वहां पर अपना भविष्य नहीं दिख रहा है. साथ ही बहुत अच्छे रिसर्च करने वालों को यह नजर आता है कि भारत में एक्सपेरिमेंटल फेसिलिटी कम है, ग्रांट कम है तो वह सब बाहर जाकर रिसर्च करने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि यदि आप जितना ज्यादा इनपुट इसमें लगाएंगे तो सफलता की संभावनाएं बढ़ेगी. हर यूनिवर्सिटी में रिसर्च का कल्चर जरूर होना चाहिए.
NDTV India – Latest
More Stories
तरबूज और खरबूजा खाते हैं रोज तो जान लीजिए कौन-सा फल है फायदेमंद, क्या दोनों को साथ खाया जा सकता है?
Neetu Kapoor पेट की सेहत अच्छी रखने के लिए पीती हैं चावल से बनने वाली यह ड्रिंक, पाचन को मिलते हैं प्रोबायोटिक्स
Vat Savitri Vrat 2025: कब है वट सावित्री व्रत? इस दिन क्यों करते हैं बरगद के पेड़ की पूजा, जानें महत्व और मुहूर्त