सपनों को किनारे तक पहुंचाते हैं, हम करके दिखाते हैं… अदाणी पोर्ट्स की ‘जर्नी ऑफ ड्रीम्स’ पर बोले गौतम अदाणी​

 बता दें कि अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड (APSEZ) केवल भारत की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स कंपनी ही नहीं है, बल्कि यह देश की बुनियादी ढांचे की रीढ़ भी है, जो आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

अदाणी ग्रुप ने अपनी प्रेरणादायक सीरीज “हम करके दिखाते हैं” की नई फिल्म “जर्नी ऑफ ड्रीम्स” लॉन्च की है. यह फिल्म अदाणी पोर्ट्स के जरिए भारतीय कारोबारियों और छोटे एंटरप्रोन्येर्स के सपनों को साकार करने की कहानी कहती है.  इस वीडियो में कहानी की शुरुआत होती है एक पिता और उसकी छोटी बेटी से, जो समंदर किनारे खड़े होकर जहाज को जाते हुए देख रहे होते हैं. इस दौरान बेटी मासूमियत से पूछती है,  पापा, जहाज में बड़ी-बड़ी चीजें जाती हैं ना? इस पर पिता मुस्कुराकर जवाब देते हैं, इसमें बड़े-बड़े सपने भी जाते हैं…

इसके बाद कहानी थोड़ा इमोशनल मोड़ लेती है, जिसमें यह दिखाया गया है कि कैसे अदाणी पोर्ट्स भारत के छोटे कारोबारियों को ग्लोबल मार्केट से जोड़कर उनके सपनों को उड़ान दे रहा है.  

बता दें कि अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड (APSEZ) केवल भारत की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स कंपनी ही नहीं है, बल्कि यह देश की बुनियादी ढांचे की रीढ़ भी है, जो आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

गौतम अदाणी ने ट्वीट कर कही ये बात

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने भी इस फिल्म को लेकर एक ट्वीट किया. गौतम अदाणी ने फिल्म को लेकर अपने ट्वीट में कहा कि असली वादे शब्दों में नहीं, बल्कि हमारे कामों में दिखते हैं. ये वादे नए अवसरों के दरवाजे खोलने, उम्मीदों से भरी जर्नी को आगे बढ़ाने और प्यार से बुने सपनों को पूरा करने के लिए होते हैं. अब बदलाव की लहरें आ चुकी हैं.हम करके दिखाते हैं.

In actions sit the promises we make. Promises to open new horizons, promises of journeys that carry hope beyond our vast oceans, and promises of dreams stitched together with love. The waves of change are here.
Hum Karke Dikhate Hain!#AdaniHKKDH #SapnoKoKinaareTak pic.twitter.com/3Uv9gxbiTA

— Gautam Adani (@gautam_adani) March 4, 2025

कच्छ के नमदा खिलौनों की कहानी

इस फिल्म में दिखाया गया है कि गुजरात के कच्छ क्षेत्र की पारंपरिक नमदा (ऊनी) खिलौनों की कला को कैसे अदाणी पोर्ट्स ने अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने में मदद की. एक छोटे व्यापारी का सपना, जो कभी सीमित साधनों में बंधा हुआ था, अब दुनिया भर में अपनी पहचान बना रहा है. यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि भारत के लाखों छोटे कारोबारियों की कहानी है, जिनके लिए अदाणी पोर्ट्स सपनों के किनारे तक पहुंचने का माध्यम बन रहा है.  

अदाणी ग्रुप का विजन

इस मौके पर अदाणी ग्रुप के कॉरपोरेट ब्रांडिंग हेड अजय काकर ने कहा,  “हम सिर्फ सामान का आयात-निर्यात नहीं कर रहे, बल्कि लोगों के सपनों को पूरा करने का जरिया बन रहे हैं. हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर छोटे और बड़े दोनों कारोबारियों को आगे बढ़ने का अवसर देता है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है.”  

बता दें कि इस फिल्म को ओगिल्वी इंडिया (Ogilvy India) ने तैयार किया है. ओगिल्वी इंडिया के पीयूष पांडे ने कहा,  “बड़ी कंपनियां और बड़े प्रोजेक्ट तब तक बड़े नहीं होते, जब तक वे आम लोगों की जिंदगी में बदलाव न लाएं. यह फिल्म अदाणी ग्रुप के बिजनेस में लोगों के जुड़ाव को दिखाती और यह बताती है कि उनका काम आम लोगों के जिंदगी को बेहतर बना रहा है.”  

अदाणी पोर्ट्स सिर्फ एक बंदरगाह नहीं, सपनों की राह

अदाणी पोर्ट्स सिर्फ एक बंदरगाह नहीं है, बल्कि यह भारत के कारोबारियों और एंटरप्रोन्येर्स के लिए एक गेटवे टू ग्लोबल सक्सेस बन चुका है. यह फिल्म इसी मैसेज को खूबसूरती से पेश करती है और दर्शाती है कि कैसे अदाणी पोर्ट्स भारतीय अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने के साथ-साथ लाखों सपनों को भी किनारे तक पहुंचाने का काम कर रहा है.

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