आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) ने वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) के उस बयान पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि नायडू सरकार ने तिरुमाला की उनकी यात्रा में बाधा डाली. नायडू ने कहा, “वह झूठ फैला रहे हैं.” उन्होंने कहा कि उनके पूर्ववर्ती सीएम रेड्डी को मंदिर में जाने से रोकने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया था. उन्होंने कहा, “क्या किसी ने आपको जाने से रोका? अगर आपको नोटिस दिया गया है तो मीडिया को दिखाएं. आप झूठ क्यों फैला रहे हैं.”
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) ने वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) के उस बयान पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि नायडू सरकार ने तिरुमाला की उनकी यात्रा में बाधा डाली. नायडू ने कहा, “वह झूठ फैला रहे हैं.” उन्होंने कहा कि उनके पूर्ववर्ती सीएम रेड्डी को मंदिर में जाने से रोकने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया था. उन्होंने कहा, “क्या किसी ने आपको जाने से रोका? अगर आपको नोटिस दिया गया है तो मीडिया को दिखाएं. आप झूठ क्यों फैला रहे हैं.”
रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को नोटिस जारी किया गया था कि मंदिर में जाने की कोई अनुमति नहीं दी गई है. उनका यह बयान नायडू की पार्टी टीडीपी और उसकी सहयोगी बीजेपी द्वारा रेड्डी के मंदिर में जाने से पहले गैर-हिंदुओं के लिए एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने की मांग के बाद आया है. आंध्र प्रदेश में एनडीए के घटक दलों ने मांग की है कि गैर हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश से पहले अपनी आस्था स्पष्ट करनी चाहिए.
प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के नियमों के अनुसार, विदेशियों और गैर-हिंदुओं को अपनी यात्रा से पहले पहाड़ी मंदिर में स्थित भगवान वेंकटेश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा की घोषणा करनी चाहिए. तिरुमाला में आस्था की घोषणा करने वाले साइनबोर्ड भी लगाए गए हैं.
‘पूजा स्थल पर परंपराओं का सम्मान करना होगा’
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नायडू ने जगन रेड्डी पर हमला तेज कर दिया. इसे यह विवाद और गहरा हो गया है जो नायडू के इस दावे के साथ शुरू हुआ था कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाने वाले लड्डुओं को बनाने में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया जाता था.
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नायडू ने कहा, “सार्वजनिक जीवन में लोगों को परंपराओं का पालन करना चाहिए और जो करने की जरूरत है, वह करना चाहिए. हर धर्म की कुछ परंपराएं होती हैं. अगर आप किसी पूजा स्थल पर जाना चाहते हैं, तो आपको उन परंपराओं का सम्मान करना होगा. कोई भी उन मान्यताओं और परंपराओं से ऊपर नहीं है. किसी को भी भगवान की परंपराओं और भक्तों की मान्यताओं का अनादर नहीं करना चाहिए और आप ऐसा काम नहीं कर सकते जो दोनों के लिए अपमानजनक हो.”
देश में सभी मेरा धर्म जानते हैं : जगन रेड्डी
रेड्डी ने घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए बिना अपनी प्रस्तावित यात्रा का बचाव करते हुए कहा कि देश में हर कोई उनके धर्म को जानता है और मुख्यमंत्री बनने से पहले भी वे कई बार तिरुमाला मंदिर जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि वे चारदीवारी के भीतर बाइबिल पढ़ते हैं, लेकिन वे इस्लाम, हिंदू धर्म और सिख धर्म का सम्मान करते हैं.
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मंदिर के लड्डू मिलावटी घी से बनाए जाने के अपने दावे को लेकर नायडू ने कहा, “हिंदू भावनाएं आहत हुई हैं और भक्त कथित तौर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित कर रहे हैं. अगर वह तिरुमाला जाते हैं, तो इन समूहों ने संकेत दिया है कि वे भी लामबंद हो जाएंगे. शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ड्यूटी पर है. वह इस मुद्दे पर गलत जानकारी क्यों फैला रहे हैं? हर धर्म की अपनी परंपराएं और सिद्धांत होते हैं, जो सम्मान के हकदार होते हैं.”
पिछले सप्ताह नायडू ने लड्डू में घटिया किस्म का घी और पशु चर्बी का इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया था.
रेड्डी ने पलटवार करते हुए कहा कि नायडू ने लड्डू का मुद्दा “अपने (चंद्रबाबू नायडू) 100 दिनों के शासन की विफलताओं को छिपाने के लिए उठाया है.” उन्होंने कहा, “लड्डू के मुद्दे पर अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए उन्होंने आस्था घोषणा का मुद्दा उठाया. उन्होंने जानबूझकर लड्डू की गुणवत्ता पर संदेह के बीज बोए हैं.”
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