ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा एक फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं. इस बार उन्होंने चीन को लेकर बयान दिया है. पित्रोदा ने कहा है कि भारत को चीन को दुश्मन मानना बंद कर देना चाहिए.आइए देखते हैं कि इससे पहले उनके विवादित बयान कौन कौन से थे.
सैम पित्रोदा के एक बयान पर फिर विवाद हो गया है. पित्रोदा कांग्रेस का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम देखने वाली ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख हैं. दरअसल पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में कहा कि चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है. उन्होंने कहा कि भारत को चीन को दुश्मन मानना बंद कर देना चाहिए. उनके इस बयान की बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी ने कांग्रेस पर चीन के प्रति साफ्ट कार्नर रखने का आरोप लगाया है. सैम के इस बयान को उनका निजी बताते हुए कांग्रेस ने उनसे किनारा कर लिया है. एक साल के अंदर ऐसा तीसरा मामला है, जब सैम पित्रोदा की वजह से कांग्रेस को परेशानी उठानी पड़ी है. आइए देखते हैं कि सैम पित्रोदा ने कब-कब विवादास्पद बयान दिए हैं.
लोकसभा चुनाव के समय दिया था यह बयान
पिछले साल लोकसभा के चुनाव कराए गए थे. इस दौरान सैम पित्रोदा के दो बयानों ने कांग्रेस असहज कर दिया था. लोकसभा चुनाव का प्रचार अभियान जब जोरों पर था, तो पित्रोदा ने नौ मई को अंग्रेजी अखबार ‘स्टेटमैन’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं, जहां पूर्व में रहने वाले लोग चाइनीज जैसे दिखते हैं, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर में रहने वाले मेरे ख्याल से गोरे लोगों की तरह दिखते हैं, वहीं दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी जैसे लगते हैं. इससे फर्क नहीं पड़ता. हम सब भाई-बहन हैं.”
The views reportedly expressed by Mr. Sam Pitroda on China are most definitely NOT the views of the Indian National Congress.
China remains our foremost foreign policy, external security, as well as economic challenge. The INC has repeatedly raised questions on the Modi Govt’s… pic.twitter.com/vVjjc9pQbT
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 17, 2025
इससे पहले अप्रैल 2024 में पित्रोदा ने अपने एक बयान में अमेरिका के इनहेरिटेंस (उत्तराधिकार) टैक्स की वकालत की थी.
शिकागो में दिए एक इंटरव्यू में पित्रोदा ने कहा था, “अमेरिका में इनहेरिटेंस टैक्स की व्यवस्था है. इसका मतलब है कि अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद बच्चों को केवल 45 फीसदी संपत्ति ही मिलेगी, बाकी की 55 फीसदी सरकार ले लेगी.”
सैम पित्रोदा के इन दोनों बयानों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के कई छोटे-बड़े नेताओं ने आलोचना की थी. उनके ये दोनों बयान लोकसभा चुनाव में मुद्दा बन गए थे. विवाद बढ़ता देख पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था. लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद जून के अंतिम हफ्ते में कांग्रेस ने सैम पित्रोदा को उनके पद पर फिर बहाल कर दिया था.
सैम पित्रोदा के विवादित बयान
सैम पित्रोदा ने जून 2023 में राम मंदिर को लेकर एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि मंदिर भारत के बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान नहीं करेंगे.उन्होंने कहा था कि बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों को छोड़कर धार्मिक मामलों को प्राथमिकता दी जा रही है. मुझे किसी भी धर्म से कोई दिक्कत नहीं है. कभी-कभार मंदिर जाना ठीक है, लेकिन आप उसे मुख्य मंच नहीं बना सकते हैं. उनके इस बयान की बीजेपी ने काफी आलोचना की थी.
पित्रोदा ने मई 2019 में 1984 के सिख विरोधी दंगों पर एक बयान दिया था.उन्होंने कहा था कि 1984 में हुआ तो हुआ पिछले पांच साल में क्या हुआ इस पर भी बात कीजिए. इस पर विवाद बढ़ने पर सैम ने माफी मांग ली थी.
इससे पहले फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई पर सैम ने कहा था कि हमले होते रहते हैं. मुंबई में भी हमला हुआ था. हम भी प्रतिक्रिया देते हुए प्लेन भेज सकते थे लेकिन ये सही नहीं होता. मेरे हिसाब से आप दुनिया से ऐसे नहीं निपटते हैं.
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