November 25, 2024
अखिलेश यादव ने अपने घर के पास जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया

अखिलेश यादव ने अपने घर के पास जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया​

समाजवादी नेता और आपातकाल के प्रखर आलोचक के रूप प्रख्यात दिवंगत जेपी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी पार्टी के बीच टकराव का नवीनतम केंद्र बनकर उभरे हैं.

समाजवादी नेता और आपातकाल के प्रखर आलोचक के रूप प्रख्यात दिवंगत जेपी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी पार्टी के बीच टकराव का नवीनतम केंद्र बनकर उभरे हैं.

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपने आवास के बाहर एक वाहन पर रखी जयप्रकाश नारायण (जेपी) की आवक्ष प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.

अधिकारियों द्वारा सपा नेता को सुरक्षा कारणों से जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) नहीं जाने देने के बाद यहां उनके आवास के बाहर सुबह से ही सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता एकत्र थे.

महान स्वतंत्रता सेनानी लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन।

न रुके-थमेंगे न हम कभी डरेंगे
वो दमन करेंगे, हम नमन करेंगे

समाजवादी पार्टी ज़िंदाबाद! pic.twitter.com/t5FiVElNTc

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 11, 2024

समाजवादी नेता और आपातकाल के प्रखर आलोचक के रूप प्रख्यात दिवंगत जेपी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी पार्टी के बीच टकराव का नवीनतम केंद्र बनकर उभरे हैं.

यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रमुख नीतीश कुमार से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से समर्थन वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने समाजवादी विचारक नारायण को श्रद्धांजलि देने से समाजवादी लोगों को रोक दिया. उन्होंने कहा कि जदयू प्रमुख का राजनीतिक उदय जेपी आंदोलन की देन है.

यादव ने शुक्रवार सुबह उनके घर के पास बैरिकेड्स लगाने को लेकर उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना की. उनका कहना था कि ‘समाजवादियों’ को मौके पर जाने से रोकने और समाजवादी विचारक की प्रतिमा पर माल्यार्पण न करने देने के इरादे से ऐसा किया गया.

समाजवादियों ने लोकनायक के सम्मान में स्मारक बनवाए और भाजपा ने सिर्फ़ रोड़े अटकाए। यही सकारात्मक और नकारात्मक सोच का अंतर है। pic.twitter.com/WDmwgT8gZe

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 11, 2024

सपा कार्यकर्ता यादव के आवास के बाहर एकत्र हुए थे तथा सपा प्रमुख के जेपीएनआईसी के निर्धारित दौरे को लेकर अस्पष्टता बनी हुई थी.

सुबह करीब साढ़े 10 बजे समाजवादी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता विक्रमादित्य मार्ग पर एकत्र हुए जहां यादव का आवास है. सड़क पर अखिलेश यादव ने एक वाहन पर रखी जय प्रकाश नारायण की आवक्ष प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.

उनके साथ सैकड़ो सपा कार्यकर्ता लाल टोपी पहने हुए थे और नारे लगा रहे थे. उनके साथ सपा नेता लाल बिहारी यादव, राजेंद्र चौधरी, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, राम गोविंद चौधरी आदि थे.

इस अवसर पर यादव ने कहा, “जयप्रकाश नारायण जी की जयंती के अवसर पर हम हर बार जेपीएनआईसी संग्रहालय जाते हैं. लेकिन पता नहीं यह सरकार हमें ऐसा करने से क्यों रोकती है.”

उन्होंने कहा, “भाजपा द्वारा यह नाकेबंदी पहली बार नहीं की जा रही है. उसने सभी अच्छे कामों को रोक दिया है. हालांकि, आज हम सड़क पर खड़े होकर ‘जन-नायक’ को याद कर रहे हैं. यह सरकार हमें माल्यार्पण करने से रोकना चाहती है, लेकिन हमने यहीं सड़क पर माला पहना दी.”

सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि अगर यह त्योहार का दिन न होता तो बांस की बैरिकेडिंग ‘समाजवादियों’ को जेपीएनआईसी में जाने से नहीं रोक पाती.

यादव बृहस्पतिवार रात जेपीएनआईसी पहुंचे थे और प्रवेश रोकने के लिए मुख्य द्वार को टिन की चादरों से ढकने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की आलोचना की थी.

उन्होंने कहा, “भाजपा के लोग विध्वंसक हैं. उन्हें कुछ भी अच्छा दो, वे उसे नष्ट कर देंगे. उन्होंने पहले भी हम समाजवादियों को रोका . आज नवरात्र का नौवां दिन है, यह उत्सव का दिन है. उत्सव के दिन वे किस तरह का ‘अधर्म’ कर रहे हैं.”

उन्होंने आश्चर्य जताया कि यह किस तरह की साजिश है कि भाजपा उत्सव (नवरात्र का नौवां दिन) मना रही है, लेकिन दूसरों को ऐसा करने की अनुमति नहीं दे रही है.

यादव ने कहा, “अगर यह उत्सव का दिन नहीं होता तो ये लकड़ी के ढांचे (बैरिकेड) समाजवादियों को नहीं रोक पाते.” उन्होंने कहा कि बहुत सारे “समाजवादी लोग” हैं जो सरकार का हिस्सा हैं और व्यवस्था को चलाने में शामिल हैं.

यादव ने कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) भी समय-समय पर जयप्रकाश नारायण जी के बारे में बात करते रहते हैं, वास्तव में वह जेपी के आंदोलन से ही (एक राजनेता के रूप में) उभरे हैं. यह एक मौका है कि उन्हें उस सरकार से समर्थन वापस लेना चाहिए जो समाजवादियों को जयप्रकाश की जयंती पर उन्हें याद करने से रोक रही है.”

उन्होंने कहा कि कुमार ने जेपी के आंदोलन को और ताकत दी. उन्होंने कहा कि जेपी एक समाजवादी विचारक थे, जिन्होंने महात्मा गांधी के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और इसमें योगदान दिया. कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राजग का हिस्सा है. यादव ने कहा, “समाजवादियों ने उन्हें (जेपी को) सम्मान दिया है और वे आगे भी (सम्मान) देते रहेंगे.”

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि जेपीएनआईसी में स्मारक को “बेचने की साजिश” के कारण ढक दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया, “कल्पना कीजिए, एक सरकार है जो एक संग्रहालय को बेचना चाहती है.”

इससे पहले, लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने यादव को सूचित किया था कि जेपीएनआईसी का उनका पूर्व नियोजित दौरा सुरक्षा के लिहाज से “उचित नहीं” है, क्योंकि वहां निर्माण कार्य चल रहा है.

प्राधिकरण ने आठ अक्टूबर के अपने पत्राचार का हवाला देते हुए एक पत्र में कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव, जिन्हें जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है, कन्वेंशन सेंटर में स्थित प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहते थे.

एलडीए ने 10 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा है, “यह अवगत कराना है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के इंजीनियरिंग विभाग ने कार्य स्थल की अद्यतन स्थिति के संबंध में रिपोर्ट उपलब्ध कराई है, जिसमें जेपी नारायण कन्वेंशन सेंटर परियोजना अभी निर्माणाधीन है.”

उसने कहा था, “निर्माण सामग्री अनियोजित तरीके से रखी गई है और बरसात का मौसम होने के कारण अवांछित जीवों के मौजूद होने की आशंका है. यह स्थल उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, जिन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, की सुरक्षा की दृष्टि से माल्यार्पण/भ्रमण के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया है.”

यादव ने शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप और तस्वीरें साझा कीं, जिसमें पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) सहित सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के साथ-साथ यहां उनके घर के पास बैरिकेड लगे हैं. यह घर सपा मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर है.

उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, “भाजपा के लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मकता का प्रतीक है. पिछली बार की तरह समाजवादी लोग कहीं ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसीलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गयी है.”

सपा प्रमुख ने यह भी दावा किया कि भाजपा ने श्रद्धांजलि, पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक), सौहार्द का मार्ग, शांति का मार्ग, संविधान का मार्ग, आरक्षण का मार्ग, किसानों का मार्ग, महिलाओं का सम्मान, युवाओं का विकास, सच्चा मीडिया, रोजगार, व्यापार, पेंशन… तरक्की, उज्ज्वल भविष्य, आजादी का रास्ता रोका है.

यादव ने ‘एक्स’ पर जेपीएनआईसी का ‘समाजवाद का संग्रहालय’ लिखा. एक ग्राफिक्स साझा करते हुए अपने एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा ,”समाजवादियों ने लोकनायक के सम्मान में स्मारक बनवाए और भाजपा ने सिर्फ़ रोड़े अटकाए. यही सकारात्मक और नकारात्मक सोच का अंतर है.”

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, “सत्ता के मद में चूर भाजपा लोकतंत्र की बैरिकेडिंग करना चाहती है . सत्ता का तंत्र कभी लोक के तंत्र पर भारी नहीं हो सकता. अतीत से सबक लीजिए सरकार! लोकतंत्र में तानाशाही लंबी नहीं चलती.”शिवपाल ने सुरक्षा तैनाती का वीडियो भी सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट किया.

जय प्रकाश नारायण की जयंती की पूर्व संध्या पर अखिलेश बृहस्पतिवार देर रात गोमती नगर इलाके में जेपीएनआईसी पहुंचे थे और योगी आदित्यनाथ सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने प्रवेश रोकने के लिए इसके मुख्य द्वार को टिन की चादरों के पीछे बंद कर दिया है.

पिछले साल सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेपीएनआईसी के द्वार पर चढ़कर परिसर में स्थित जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना पड़ा था.

NDTV India – Latest

Copyright © asianownews.com | Newsever by AF themes.