One Sided Friendship: कई बार हम किसी के सच्चे दोस्त होते हैं लेकिन वह व्यक्ति हमारा सच्चा दोस्त नहीं होता. इसी फर्क को वक्त रहते पहचानना जरूरी होता है. यहां जानिए एक तरफा दोस्ती का कैसे पता लगता है.
Friendship: दोस्ती के रिश्ते को बेहद खास और सबसे अलग माना जाता है. लेकिन, अगर आप किसी के सच्चे और सबसे अच्छे दोस्त होकर भी खुद को अकेला महसूस करते हैं या यह सोचते हैं कि आप जो एफर्ट्स डाल रहे हैं वो आपको नहीं मिल रहे तो हो सकता है कि आपकी दोस्ती एकतरफा (One Sided Friendship) है. ऐसा बहुत से लोगों के साथ होता है कि वे हमेशा पहले मैसेज करते हैं, हमेशा वही गिफ्ट्स देते हैं या मिलने का प्लान बनाते हैं और सामने वाला दोस्त खुद कुछ भी नहीं करता और पूछने पर कहता है कि मैं तो ऐसा ही हूं. यह फेक फ्रेंडशिप (Fake Friendship) या कहें नकली दोस्ती की तरफ इशारा होता है. यहां जानिए ऐसी कौनसी बातें या दोस्त की आदतें हैं जिनसे पता चलता है कि दोस्ती एकतरफा है.
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एकतरफा दोस्ती के संकेत | Signs Of One Sided Friendship
आपकी फीलिंग्स की कद्र ना करना
सच्चे दोस्त कभी नहीं चाहेंगे कि आपकी भावनाओं को चोट पहुंचे. लेकिन, नकली दोस्त को इससे फर्क नहीं पड़ेगा. वह सीधेतौर पर यह कह देगा कि मैं सच्चा हूं और सच्ची बात बोलता हूं और कुछ ऐसा कह देगा जिससे आपका मनोबल टूट जाएगा. लेकिन, सच्चे दोस्त समझते हैं कि किस स्थिति में आप हैं और आपसे कब प्यार से और कब कठोरता से बात करनी चाहिए.
आपकी जिंदगी में रुचि ना दिखाना
दोस्त जितना अपने बारे में बताना पसंद करते हैं उतना ही आपके बारे में जानना भी चाहते हैं. लेकिन, एकतरफा दोस्ती हो तो व्यक्ति सिर्फ अपने बारे में बात करता है और आपकी जिंदगी में उसे किसी तरह की रुचि नहीं होती है.
सिर्फ मतलब के लिए बात करना
एकतरफा दोस्ती की पहचान ही यह होती है कि व्यक्ति आपको सिर्फ तभी याद करता है जब उसे आपसे कुछ काम हो या किसी चीज की जरूरत हो. वहीं, जब आपको किसी चीज की जरूरत हो या फिर इमोशनली ही आप किसी का साथ चाहते हों तो यही दोस्त कभी आपके साथ नहीं होगा.
आपके समय की परवाह ना करना
जब दोस्ती एकतरफा होती है तो दोस्त आपके समय की परवाह नहीं करता. समय और आपके एफर्ट्स (Efforts) उसके लिए कुछ भी नहीं होते. सच्ची दोस्ती में दोस्त इस बात को समझते हैं कि आपका समय भी उतना ही कीमती है जितना उनका खुद का.
आपसे पहले दूसरों को चुनते हैं
सच्ची दोस्ती में हमें पता होता है कि हम अपने दोस्त के लिए बाकी सब लोगों से खास हैं. लेकिन, नकली दोस्ती में आप खुद इस बात को लेकर कभी कोंफिडेंट नहीं हो पाते कि आप दोस्त के लिए इंपोर्टेंट हैं भी या नहीं. नकली दोस्त बाकी सभी को आपसे ऊपर रखते हैं और आपको आपके हक का वक्त भी नहीं देते.
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