पाकिस्तान की वायु सेना ने मंगलवार रात पकतीका में शरणार्थी शिविरों को निशाना बनाया. अफगानिस्तान का कहना है कि इस हमले में 46 लोग मारे गए हैं. इस हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते की खटास और बढ़ गई है. अफगानिस्तान ने इसका बदला लेने की बात दोहराई है.
पाकिस्तान-अफगानिस्तान के रिश्ते पिछले काफी समय से खराब चल रहे हैं. इस रिश्ते को और बिगाड़ने का काम किया अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हवाई हमले ने. पाकिस्तान के हमले में 46 लोगों की मौत हो गई. पाकिस्तान का कहना है कि उसने अफगानिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाकर हमले किए. वहीं अफगानिस्तान ने हमले की निंदा करते हुए इसे आक्रमण और अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों के खिलाफ बताया है. उसने कहा है कि अपनी जमीन की रक्षा करना उसका अधिकार है. उसने हमले को कायराना बताते हुए जवाबी कार्रवाई की बात कही है. अफगानिस्तान ने काबुल में तैनात पाकिस्तान के दूत को तलब कर भी विरोध जताया है. इस बीच सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल है, जिसमें कुछ लोगों को टैंकों और अन्य बख्तरबंद गाड़ियों में सवार होकर कहीं जाता दिखाया गया है. वीडियो शेयर करने वालों का दावा है कि तालिबान के लड़ाके हमले के लिए पाकिस्तान की ओर से जा रहे हैं. आइए जानते हैं कि अफगानिस्तान के पास क्या पाकिस्तान पर हमला करने की ताकत है.
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में कहां किए हमले
अफगानिस्तान के मुताबिक मंगलवार रात को पकतिका प्रांत के बरमाल जिले के कुछ हिस्सों पर पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने हवाई हमले किए. इन हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 46 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. इन हमलों में कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए.
पकतीका पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा डूरंड लाइन पर स्थित है. इसकी सीमा पाकिस्तान के तीन जिलों से लगती है.पकतीका से बलूचिस्तान प्रांत के जोब जिले और खैबर पख्तूनख्वा के दक्षिणी वजीरिस्तान और उत्तरी वजीरिस्तान जिले की सीमा लगती है.
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच का कहना है कि ये अभियान पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाके में खुफिया जानकारी के आधार पर चलाया. उनका कहना था कि यह अभियान पाकिस्तानी नागरिकों की सुरक्षा को खतरे को देखते हुए चलाया गया. पाकिस्तान का कहना था कि अफगानिस्तान के साथ रिश्तों से जुड़े मामलों में हमेशा बातचीत को प्राथमिकता दी है.पाकिस्तान ने कहा है कि वो अफगानिस्तान की अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते है.प्रवक्ता का यह भी कहना था कि पाकिस्तानी सुरक्षा बल और कानून प्रवर्तन एजेंसियां सीमावर्ती इलाके में आतंकवादी समूहों के खिलाफ नियमित रूप से अभियान चलाते हैं.प्रवक्ता का कहना था कि अपने नागरिकों की सुरक्षा पाकिस्तान की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
तालिबान सरकार की प्रतिक्रिया
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने इन हवाई हमलों के खिलाफ पाकिस्तान के खिलाफ तगड़ा विरोध दर्ज कराया. अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने इस हमले का जवाब देने की चेतावनी दी है. अफगान तालिबान सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्ला ख्वारजमी ने कहा कि अफगानिस्तान इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन और हमला मानता है.
पाकिस्तान क्या आरोप लगाता है
पाकिस्तान लगातार आरोप रहा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करता है. उसका यह भी आरोप रहा है कि सीमा पार से आए आतंकवादी पाकिस्तानी सुरक्षा बलों, चीनी और पाकिस्तान नागरिकों को निशाना बनाते हैं. इसे रोक पाने में अफगानिस्तान की तालिबान सरकार नाकाम है.पाकिस्तान का कहना रहा है कि उसने लगातार अफगानिस्तान को सबूत दिए हैं. लेकिन वहां की तालिबान सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है. इससे ये आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान से आकर पाकिस्तान पर और हमले कर रहे हैं. पाकिस्तान में की गई अपनी कार्रवाई को अज्म ए इस्तेहकाम नाम देता है. इस साल जून में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबान के ठिकानों पर कार्रवाई जारी रखेगा.
पकतीका पर पाकिस्तान के हवाई हमले के बाद अफगानिस्तान का कहना है कि वह इन हमलों का बदला लेगा. अफगानिस्तान के इस दावे के बाद खबर आई कि तालिबान के करीब 15 हजार लड़ाके काबुल, कंधार और हेरात से पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मीर अली सीमा की ओर बढ़ रहे हैं.लेकिन अफगानिस्तान की ओर से इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या तालिबान के पास पाकिस्तान पर हमले की क्षमता है.
अफगानिस्तान की सैन्य ताकत
दरअसल अफगानिस्तान की सेनाओं के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. लेकिन अफगानिस्तान के एक जनरल के मुताबिक उनकी सेना और वायुसेना में एक लाख सत्तर हजार जवान शामिल हैं. वहीं अफगानिस्तान से 31 अगस्त 2021को लौटने से पहले अमेरिकी और नेटो बलों ने अपने सैन्य विमानों, हेलिकॉप्टरों और अन्य उपकरणों को क्षतिग्रस्त कर दिया था. पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार ‘दी एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने 25 नवंबर 2022 को अफगानिस्तान की सेना को लेकर एक खबर प्रकाशित की थी. इस खबर के मुताबिक अमेरिका और उसके सहयोगी बलों ने अफगानिस्तान की अशरफ गनी सरकार को 70 सैन्य जहाज और हेलिकॉप्टर दिए थे. इन सभी की मरम्मत अफगानिस्तान की वायु सेना ने कर दी है. इन जहाजों और हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल अफगानिस्तान की वायु सेना कर रही है.
The Taliban interim administration has repaired 70 damaged military planes and helicopters that were damaged by US soldiers before they left Afghanistan after 20 years in August last year https://t.co/QWHy2K9HW6 pic.twitter.com/HMKEHGZZ0L
— Anadolu English (@anadoluagency) November 24, 2022
अफगानिस्तान ने कुछ और आधुनिक हथियार भी हासिल किए हैं. इन हथियारों के साथ अफगानिस्तान सेना की एलीट यूनिटों के जवानों को देखा जा सकता है. अफगानिस्तान की सेना के पास वो हथियार, गोला-बारूद और गाड़ियां हैं, जिन्हें अमेरिकी और नेटो बल वापस लौटते समय छोड़ गए थे. इनके जरिए अफगानिस्तान पाकिस्तान पर कोई हमला कर पाएगा, इसमें संदेह है, क्योंकि पाकिस्तान के पास हर तरह के आधुनिक साजो-सामान से लैस तीनों सेनाएं हैं. हालांकि आशंका इस बात की है कि अफगानिस्तान तालिबान तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के जरिए पाकिस्तान में कुछ हमलों को अंजाम दे.अफगानिस्तान टीटीपी के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक तौर पर नकारता है, लेकिन दोनों के संबंध किसी से छिपे नहीं हैं. पाकिस्तान की नई तालिबान सरकार टीटीपी को प्रॉक्सी के तौर पर इस्तेमाल करता है.
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