पारस ने कहा कि जब उनके बड़े भाई रामविलास पासवान जीवित थे, तो भाइयों के बीच कोई दरार नहीं थी. चिराग से सुलह की संभावना पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “ऐसा कभी नहीं हो सकता. अब वह स्थिति नहीं है. अब बहुत देर हो चुकी है.”
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने रविवार को अपने भतीजे और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के साथ सुलह की किसी भी संभावना से इनकार करते हुए कहा कि अब बहुत देर हो चुकी है. ‘पीटीआई – वीडियो’ के साथ साक्षात्कार में पारस ने कहा कि जब उनके बड़े भाई रामविलास पासवान जीवित थे, तो भाइयों के बीच कोई दरार नहीं थी. चिराग से सुलह की संभावना पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “ऐसा कभी नहीं हो सकता. अब वह स्थिति नहीं है. अब बहुत देर हो चुकी है.”
उन्होंने कहा, “जब पार्टियां टूटती हैं, तो वे एक हो सकती हैं, लेकिन जब दिल टूटते हैं, तो वे नहीं जुड़ सकते.” पारस ने कहा कि परिवार एक था और लोक जनशक्ति पार्टी एकजुट थी, लेकिन यह उनका “दुर्भाग्य” है कि रामविलास पासवान के निधन के बाद परिवार और पार्टी दोनों अलग हो गए. उन्होंने कहा कि पार्टी में विभाजन का कारण सभी जानते हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि करीब तीन हफ्ते पहले उन्होंने पटना में भाजपा की बिहार इकाई के प्रमुख दिलीप जायसवाल से मुलाकात की थी और उसके बाद उन्हें दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का मौका मिला.
उन्होंने कहा, “इस दौरान बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई.” रालोजपा अध्यक्ष ने राजग की एकता पर विपक्ष खासकर राजद नेता तेजस्वी यादव और उनकी बहन रोहिणी आचार्य की टिप्पणियों को खारिज करते हुए कहा कि गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है.
पारस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “पूरे देश के सर्वसम्मत नेता” हैं और वह सभी के हितों की बात करते हैं.
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