सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी नियमों के अनुसार निर्वासित व्यक्तियों को उड़ानों में हथकड़ी में रखना अनिवार्य है, जो सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने के लिए किया जाता है.
अमेरिका से आने वाली उड़ानों को अमृतसर में उतारने के पीछे की वजह साफ हो गई है. अब तक अमेरिका से तीन उड़ानों के जरिए भेजे गए भारतीयों में से अधिकांश पंजाब के रहने वाले हैं, इसलिए इन उड़ानों को अमृतसर में उतारा गया है.
मई 2020 से अब तक अमृतसर में 21 उड़ानें उतारी गईं, जिनमें निर्वासित भारतीयों को लाया गया है. हर उड़ान का विस्तृत डेटा जारी किया गया है, जिसमें यात्रियों की संख्या और अन्य जानकारी शामिल है. सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी नियमों के अनुसार निर्वासित व्यक्तियों को उड़ानों में हथकड़ी में रखना अनिवार्य है, जो सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने के लिए किया जाता है.
हाल ही में तीन उड़ानें – 5 फरवरी, 15 फरवरी और 16 फरवरी को आईं, जिनमें कुल 333 भारतीयों को वापस लाया गया. इनमें- 262 पुरुष, 42 महिलाए, 18 लड़के, 11 लड़कियां शामिल थी. सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी सैन्य विमान से लाए गए 333 लोगों में से कुल 126 पंजाब के निवासी हैं, इसके बाद पड़ोसी राज्य हरियाणा के 110 और गुजरात के 74 लोग शामिल हैं. आठ लोग उत्तर प्रदेश के, पांच महाराष्ट्र के, दो-दो हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, राजस्थान और गोवा के तथा एक-एक जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड के हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद से अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर तीन सैन्य विमान भारत आ चुके हैं. ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था.
विपक्षी दलों ने अमेरिकी विमान से वापस भेजे गए अवैध भारतीय प्रवासियों के साथ किए गए व्यवहार का विरोध किया क्योंकि उन्हें हथकड़ी लगाई गई और बेड़ियां पहनाई गई थीं. विपक्ष ने भारत सरकार से इस मुद्दे को अमेरिका के समक्ष उठाने की मांग की थी.
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