F-47, F-22 रैप्टर विमान की जगह लेगा, जिसे 1980 के दशक में बनाया गया था. बता दें कि इसमें स्टील्थ तकनीक, उच्च स्तर की गतिशीलता और सुपरक्रूज़ या आफ्टरबर्नर के बिना सुपरसोनिक उड़ान बनाए रखने की क्षमता है.
अमेरिका छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने जा रहा है. इसको F-47 के नाम से जाना जाएगा. ट्रंप ने इसे बनाने का जिम्मा बोइंग को सौंपा है. उन्होंने ऐलान किया कि बोइंग के साथ वायु सेना के उच्च तकनीक वाले अगली पीढ़ी के F-47 लड़ाकू विमान के लिए बड़ी डील की गई है. इस डील का मकसद F-22 स्टील्थ वॉर प्लेन को रिप्लेस करना है. ये विमान करीब 2 दशक से सेवाएं दे रहे हैं. अब नए ज्यादा एडवांस एयरक्राफ्ट बिना क्रू वाले ड्रोन के साथ काम करने में सक्षम होंगे. बता दें कि F-47 का टोन्ड डाउन वर्डन सहयोगी देशों के लिए भी उपलब्ध होगा.
ट्रंप ने बताया कि इस फाइटर प्लेन में ऐसी-ऐसी खूबियां होंगी, जिसे दुनिया से पहले कभी नहीं देखा होगा. F-47 की स्पीड से लेकर मोबिलिटी और पेलोड के मामले में कोई भी प्लेन इसके आसपास भी नहीं होगा.
ट्रंप ने ओवल ऑफिस में मीडिया से कहा, ” अमेरिका की कुछ शीर्ष एयरोस्पेस कंपनियों के बीच टफ कॉम्पटिशन के बाद वायु सेना अगली पीढ़ी के एयर डोमिनेंस (NGAD) प्लेटफ़ॉर्म के लिए बोइंग से डील करने जा रही है.”
ट्रंप ने बताई F-47 फाइटर प्लेन की खासियत
F-47, F-22 रैप्टर विमान की जगह लेगा, जिसे 1980 के दशक में बनाया गया था. बता दें कि इसमें स्टील्थ तकनीक, उच्च स्तर की गतिशीलता और सुपरक्रूज़ या आफ्टरबर्नर के बिना सुपरसोनिक उड़ान बनाए रखने की क्षमता है. ट्रंप ने कहा कि सुरक्षा कारणों से इस डील की कीमत का खुलासा नहीं किया जा रहा है. F-47 फाइटर प्लेन की तारीफ में ट्रंप ने कहा कि दुनिया में कोई और विमान इसके आसपास भी नहीं होगा.. F-47 टाइटिल को जनरलों ने चुना है. यह बहुत ही शानदार नंबर है.
अमेरिकी की ये डील बोइंग के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. बोइंग ने पिछले साल बहुत ही कठिन समय झेला. जब कंपनी के कर्मचारियों ने हड़ताल की थी. इसे सुरक्षा समस्याओं से भी जूझना पड़ा था. लागत संबंधी चिंताओं की वजह से 2024 में NGAD प्रयास को रोक दिया गया था.
F-47 फाइटर प्लेन का चल रहा परीक्षण
ट्रंप ने बताया कि टेस्टिंग के तौर पर F-47 फाइटर प्लेन पिछले करीब 5 महीने से गुप्त रूप से उड़ाने भर रहा है. उन्होंने भरोसा जताया कि ये अन्य देशों से ज्यादा बेहतर है. इस नए लड़ाकू जेट को 2030 तक अमेरिकी वायुसेना में शामिल किया जाएगा.
NGAD एयरफ्रेम की कीमत का अनुमान
कांग्रेस के बजट कार्यालय ने 2018 में अनुमान लगाया था कि NGAD एयरफ्रेम की कीमत 300 मिलियन डॉलर प्रति एयरफ्रेम तक हो सकती है, जो कि वर्तमान में अमेरिकी इन्वेंट्री में मौजूद कई अन्य विमानों की तुलना में काफी ज्यादा है.
एक सीनियर वायुसेना अधिकारी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि पिछले साल रोक के बाद सेवा ने एक स्टडी की. जिसमें निष्कर्ष निकाला कि न सिर्फ अतीत में, न सिर्फ वर्तमान में बल्कि भविष्य में भी, एयर सुपीरियरिटी मायने रखती है.
“NGAD से ज्यादा अच्छा विकल्प कोई नहीं”
मेजर जनरल जोसेफ कुंकेल ने कोलोराडो में कहा, इस स्टडी से हमें पता चला कि हमने कई अलग-अलग विकल्पों पर विचार किया. लेकिन ज्यादा प्रतिस्पर्धी माहौल में हवाई श्रेष्ठता हासिल करने के लिए NGAD से ज्यादा अच्छा विकल्प कोई नहीं है.
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