अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रैट्स पार्टी की उम्मीदवार और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. नए-नए सर्वे आ रहे हैं और मुकाबले पर लोगों को नए-नए अपडेट दे रहे हैं. अब एक सर्वे आयोवा स्टेट को लेकर आया है. आयोवा में संभावित मतदाताओं के बीच उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से 47 प्रतिशत से 44 प्रतिशत तक आगे चल रही हैं. व्हाइट हाउस में कौन पहुंचेगा यह तय होने के लिए वोटिंग अब बस एक दिन बाद होगी.
US Presidential Election 2024: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रैट्स पार्टी की उम्मीदवार और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. नए-नए सर्वे आ रहे हैं और मुकाबले पर लोगों को नए-नए अपडेट दे रहे हैं. अब एक सर्वे आयोवा स्टेट को लेकर आया है. आयोवा में संभावित मतदाताओं के बीच उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से 47 प्रतिशत से 44 प्रतिशत तक आगे चल रही हैं. व्हाइट हाउस में कौन पहुंचेगा यह तय होने के लिए वोटिंग अब बस एक दिन बाद होगी.
सर्वे आने के तुरंत बाद ट्रंप ने सर्वेक्षण को “फर्जी” और “मनगढ़ंत” बताकर खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह सर्वे उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी के पक्ष में किया गया था.
पेंसिल्वेनिया राज्य में एक रैली में ट्रंप ने कहा, “मेरे दुश्मनों में से एक ने एक सर्वेक्षण कराया है – मैं 3 वोटों से पिछड़ रहा हूं. (आयोवा सीनेटर) जोनी अर्न्स्ट ने मुझे फोन किया, सभी ने मुझे बुलाया, उन्होंने कहा कि आप आयोवा में भारी बहुमत से आगे हैं. किसान मुझसे प्यार करते हैं और मैं उनसे प्यार करता हूं.”
ट्रंप ने कहा कि शनिवार को जारी किया गया सर्वेक्षण “फर्जी” था. “मैं आयोवा में हार नहीं रहा हूं.”
गौरतलब है कि डेस मोइनेस रजिस्टर अखबार का सर्वेक्षण तब आया जब ट्रंप और हैरिस दोनों ने 5 नवंबर के वोटिंग से पहले अपनी समापन टिप्पणियां देने के लिए प्रमुख राज्यों का दौरा किया.
जीत के लिए जरूरी प्रमुख राज्यों में आयोवा नहीं है. इसमें सर्वे के नतीजे को ट्रंप के लिए निराशाजनक संकेत के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि इसने हैरिस की ओर झुकाव का संकेत दिया है.
सितंबर में, इसी प्रकाशन के एक सर्वेक्षण में ट्रंप को हैरिस से चार अंकों से आगे दिखाया गया था. जून में, जब राष्ट्रपति जो बिडेन दौड़ में थे, ट्रंप डेमोक्रेटिक नेता से 18 अंकों से आगे थे. नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार, महिलाओं और स्वतंत्र मतदाताओं के समर्थन को देखें तो हैरिस दौड़ में आगे चल रही हैं.
पूरे अमेरिका में अर्ली और मेल-इन वोटिंग पर नज़र रखने वाली फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी की इलेक्शन लैब के अनुसार, रविवार तक 75 मिलियन से अधिक अमेरिकी पहले ही अपना वोट डाल चुके हैं.
डेस मोइनेस रजिस्टर ने कहा कि 808 संभावित आयोवा मतदाताओं का सर्वेक्षण 28 से 31 अक्टूबर तक आयोजित किया गया था, जिसमें वे लोग भी शामिल हैं जो पहले ही मतदान कर चुके हैं और जो कहते हैं कि वे निश्चित रूप से मतदान करने की योजना बना रहे हैं.
इसमें कहा गया है कि इसमें त्रुटि की संभावना प्लस या माइनस 3.4 प्रतिशत अंक तक है. सितंबर में, इसी मीडिया आउटलेट के एक सर्वेक्षण में ट्रंप को हैरिस से चार अंकों की बढ़त दिखाई थी.
जून में, जब राष्ट्रपति जो बाइडेन दौड़ में थे, ट्रंप डेमोक्रेटिक नेता से 18 अंकों से आगे थे.
एनबीसी न्यूज के एक अलग सर्वेक्षण में हैरिस और ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर देखी गई है. इससे पता चलता है कि हैरिस को आमने-सामने के मुकाबले में 49 प्रतिशत पंजीकृत मतदाताओं का समर्थन मिल रहा है, जबकि ट्रंप को भी समान 49 प्रतिशत का समर्थन मिल रहा है.
एनबीसी न्यूज के अनुसार, केवल 2 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि उन्होंने तय नहीं किया है कि किसे वोट देना है. इस बीच, ट्रंप और हैरिस ने समर्थन जुटाने के लिए विभिन्न राज्यों की यात्रा जारी रखी है.
पूरे चुनावी भाषणों को देखा जाए तो कमला हैरिस ने चुनाव को देश की मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने वाले चुनाव के रूप में पेश किया है.
वहीं, ट्रंप की ओर से अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण और अमेरिका को अवैध इमीग्रेशन से छुटकारा दिलाने का वादा देशवासियों से किया जा रहा है.
रविवार को ट्रंप पेंसिल्वेनिया, नॉर्थ कैरोलिना और जॉर्जिया में रैलियां की हैं. हैरिस ने मिशिगन में विभिन्न स्थानों पर सभाओं को संबोधित किया. हैरिस का सोमवार को पेंसिल्वेनिया में दो रैलियों को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है.
रविवार को कमला हैरिस ने डेट्रॉयट में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने अपना मतपत्र मेल के जरिए भर दिया है. उन्होंने कहा, “मेरा मतपत्र कैलिफोर्निया जा रहा है और मुझे सिस्टम पर भरोसा है कि यह वहां पहुंचेगा.”
गौरतलब है कि ट्रंप मेल वोटिंग सिस्टम को निशाना बनाते रहे हैं.
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