Arvind Kejriwal vs Election Commission: युमना पर घिरते आ रहे अरविंद केजरीवाल अब उसी मुद्दे पर बीजेपी और चुनाव आयोग को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. जानिए चुनाव आयोग से क्या कहा…
Arvind Kejriwal vs Election Commission: आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने आज फिर दोहराया कि भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने यमुना के पानी में जहर घोल दिया है. इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग को भी घेरा कि बीजेपी के खिलाफ कोई आदेश पारित करने के बजाय उल्टा उन्हें ही फंसाने की कोशिश की जा रही है. चुनाव आयोग में पहुंचने से पहले अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देना चाहता हूं, आपकी सरकार का संघर्ष सफल हुआ और यह नतीजा आया. जहरीला पानी जो था, अब 2.1 अमोनिया पर आ गया है. हमारे संघर्ष की वजह से पानी का अमोनिया नीचे आया. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत यह पानी भेजा गया था. नहीं तो बढ़ कैसे गया और अब कम कैसे हो गया.
‘अब घट गया अमोनिया’
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में जहरीला पानी भेजकर आधी दिल्ली को प्यासा मारने की कोशिश की गई थी. 26 जनवरी को अमोनिया का स्तर 7 पीपीएम पहुंच गया, तब लगा कि यह खतरनाक खेल खेल रहे हैं. 27 जनवरी को सीएम आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि कैसे अमोनिया बढ़ रहा है. आज पानी में 2.1 अमोनिया हो गया है, अगर हम संघर्ष नहीं करते तो एक करोड़ लोगों को पानी मिलाना आज बंद हो गया होता. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने सीएम हरियाणा को कोई नोटिस नहीं जारी किया, मुझे नोटिस जारी कर दिया. मुझे नोटिस दे रहे हैं, सजा देने की कोशिश कर रहे हैं. सीएम नायब सैनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए, उनके खिलाफ एक्शन होना चाहिए. बहुत सारे राज्य हैं जहां एक से दूसरे राज्य में पानी जाता है, फिर तो एक राज्य पानी रोक दे और चुनाव प्रभावित होगा.
‘हरियाणा सीएम ने फोन नहीं उठाया’
इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग में जाकर मुलाकात की और उन्होंने एक पत्र के माध्यम से अपना जवाब दाखिल किया. उस पत्र में अरविंद केजरीवाल ने लिखा कि पहला पॉइंट है कि जब यह पाया गया कि हरियाणा से दिल्ली को अत्यधिक अमोनिया युक्त विषैला पानी भेजा जा रहा है, तब दिल्ली की मुख्यमंत्री ने दिसंबर के अंतिम सप्ताह में हरियाणा के मुख्यमंत्री को फोन कर उनसे या तो अमोनिया का स्तर कम करने के लिए कदम उठाने या अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. हरियाणा के मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि वह आवश्यक कदम उठाएंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसके बाद, दिल्ली मुख्यमंत्री ने उन्हें कई बार फिर से फोन किया, लेकिन कुछ कॉल्स के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने उनके फोन उठाने बंद कर दिए.
‘चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश’
अपने पत्र में दूसरा पॉइंट अरविंद केजरीवाल ने लिखा है कि ध्यान देने योग्य है कि 15 जनवरी से अमोनिया का स्तर बहुत तेजी से बढ़ा (15 जनवरी को लगभग 3.2 पीपीएम) और कुछ दिनों में 7 पीपीएम तक पहुंच गया. इस स्तर पर यह संदेह उत्पन्न हुआ कि हरियाणा के मुख्यमंत्री जानबूझकर दिल्ली में अत्यधिक अमोनिया युक्त पानी भेजकर दिल्ली के चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे थे. जब यह समस्या हल नहीं हुई और अमोनिया का स्तर 7 पीपीएम तक पहुंच गया, तब दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी 27 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए मजबूर हुईं और उन्होंने दोपहर 1:17 बजे “एक्स” पर इसका ट्वीट किया.
इसके बाद, 27 जनवरी को दोपहर 1:34 बजे दिल्ली की मुख्यमंत्री ने फिर से इस मुद्दे पर ट्वीट किया. मैंने आतिशी के ट्वीट को 1:51 बजे दोबारा रीट्वीट किया. 27 जनवरी को 4:29 बजे दिया गया मेरा बयान इन्हीं घटनाओं की श्रृंखला में और केवल अमोनिया संदूषण के संदर्भ में था. इस बयान में मैंने स्पष्ट रूप से कहा कि दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) से समय मांगा था.
‘सीईसी ने मुझे ही निशाना बनाया’
अपने पत्र में केजरीवाल ने लिखा है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री, जो भाजपा से हैं, ने दिल्ली में गंभीर जल संकट उत्पन्न करने और चुनावों को प्रभावित करने की साजिश रची. उन्हें भली-भांति ज्ञात था कि इससे दिल्ली में कृत्रिम जल संकट उत्पन्न होगा, जिससे आम आदमी पार्टी की सरकार को दोषी ठहराया जाएगा. इससे दिल्ली की लगभग आधी आबादी पानी के बिना रह जाती और लगभग 1 करोड़ लोगों को गंभीर संकट झेलना पड़ता. उन्होंने लिखा है कि यह स्पष्ट है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री इस स्थिति के लिए पूर्ण रूप से दोषी हैं. उनके विरुद्ध एक आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने भारत की राजधानी के नागरिकों को गंभीर संकट में डालने का प्रयास किया है. यदि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) हरियाणा सरकार और इस घटना के लिए जिम्मेदार भाजपा नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं करता है, तो यह चुनावी राजनीति में इस प्रकार की निंदनीय घटनाओं को सामान्य बना देगा. उन्होंने लिखा है कि मैं इस बात से भी स्तब्ध हूं कि सीईसी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को चुनाव से ठीक पहले दिल्ली के पानी को प्रदूषित करने से रोकने के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया. बल्कि, सीईसी ने मुझे ही निशाना बनाया.
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