मनीष सिसोदिया ने कहा, ” इस पूरे मामले में BJP का क्या मकसद है. इस समय जब आम आदमी पार्टी के पार्षद, कांग्रेस के पार्षद जा चुके हैं, लेकिन BJP के पार्षद वहीं टिके हुए हैं. सारे सांसद सभी पदाधिकारी वहीं बैठे हैं. यह तो संविधान की हत्या है.”
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गुरुवार को ही MCD स्टैंडिंग कमेटी के छठे सदस्य का चुनाव कराने का आदेश दिया था. इसे लेकर हुई बैठक के बाद MCD ने साफ किया कि आज चुनाव नहीं कराए जा सकते. चुनाव की तारीख और समय का ऐलान बाद में किया जाएगा.
दरअसल, MCD के 12 जोन में से 7 जोनों पर BJP का कब्जा है. आम आदमी पार्टी के पास 5 जोन हैं. इस तरह से हर जोन से एक-एक मेंबर के हिसाब से BJP के सात और आम आदमी पार्टी के 5 मेंबर हैं. स्टैंडिंग कमेटी के लिए सदन से 6 मेंबर चुने जाते हैं. लोकसभा चुनाव से पहले 6 सदस्यों का चुनाव हो चुका है. दोनों पार्टियों से 3-3 मेंबर चुने गए.
लेकिन कमलजीत सहरावत लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बन गई. इस कारण उन्होंने निगम पार्षद की सदस्यता के साथ ही स्टैंडिंग कमिटी के मेंबर का पद भी छोड़ दिया. इस खाली पद के लिए चुनाव होना है.
मनीष सिसोदिया ने BJP और LG पर साधा निशाना
दिल्ली के LG के आदेश पर पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने निशाना साधते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर MCD में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. पार्षद घर जा चुके हैं. रात 10 बजे तक क्या इमरजेंसी है कि चुनाव कराने होंगे.
Delhi | Standing Committee Election for sixth member will not be held today. The date and time of the election will be intimated later: Municipal Corporation of Delhi
— ANI (@ANI) September 26, 2024
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा, “स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में आज पूरे दिन हंगामा चलता रहा. कई बार सदन को स्थगित करना पड़ा. मेयर ने तय किया कि फाइनली 5 अक्टूबर को MCD स्टैंडिग कमेटी का चुनाव होगा. इसके बाद सदन स्थगित कर दिया गया. कई पार्षद बाहर चले गए होंगे. शाम 8 बजे LG ने कमिश्नर को चिट्ठी लिखी कि डेढ़ घंटे में चुनाव पूरा कराया जाए. तुरंत कराया जाए रात 10 बजे तक.”
#WATCH | Former Delhi Deputy CM and AAP leader Manish Sisodia says “…We were thinking what is the motive of the BJP, then we understood what the real game is. An employee of the Municipal Corporation told us that while the councillors of AAP and Congress have left the House,… pic.twitter.com/GnLG3dZ09g
— ANI (@ANI) September 26, 2024
सिसोदिया ने आगे कहा, “मेयर कह रही हैं कि अगली बैठक 5 को होगी. पार्षद जा चुके हैं, लेकिन LG साहब जो अमेरिका या पता नहीं कहां बैठे हैं. वो आदेश दे रहें कि रात में चुनाव करवा दो. इसका क्या मतलब है.”
मनीष सिसोदिया ने कहा, ” इस पूरे मामले में BJP का क्या मकसद है. इस समय जब आम आदमी पार्टी के पार्षद, कांग्रेस के पार्षद जा चुके हैं, लेकिन BJP के पार्षद वहीं टिके हुए हैं. सारे सांसद सभी पदाधिकारी वहीं बैठे हैं. यह तो संविधान की हत्या है.”
बीजेपी और AAP के लिए MCD वार्ड और स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव क्यों है प्रतिष्ठा का सवाल
क्या होता है स्टैंडिंग कमेटी?
दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर के आलावा स्टैंडिंग कमेटी को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जिसके पास स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन का पद होता है, उसी के पास असली पावर होती है. यही कारण है कि राजनीति दल स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव जीतने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं. स्थाई समिति में कुल 18 सदस्य होते हैं, जो 12 जोन से चुनकर आते हैं. साथ ही 6 सदस्यों का चुनाव सदन में होता है.
अभी किसके पास कितनी सीटें?
4 सितंबर को MCD की 18 सीटों वाली स्टैंडिंग कमिटी में हुए चुनाव में BJP ने AAP के मुकाबले बढ़त बना ली है. BJP ने 7 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि आम आदमी पार्टी ने 5 सीटें अपने खाते में दर्ज की हैं. BJP ने नरेला, सिविल लाइंस, केशवपुरम, शाहदरा उत्तरी, नजफगढ़, शाहदरा दक्षिण और सेंट्रल जोन में जीत हासिल की जबकि ‘आप’ ने करोल बाग, पश्चिम, दक्षिण, सिटी एसपी और रोहिणी जोन में विजय हासिल की.
स्टैंडिंग कमेटी के पास कितना पावर?
दिल्ली एमसीडी में कॉर्पोरेशन का कामकाज और प्रबंधन का काम स्टैंडिंग कमेटी ही करती है. स्टैंडिंग कमेटी ही प्रोजेक्ट्स को वित्तीय मंजूरी देती है. स्टैंडिंग कमेटी MCD की यह मुख्य फैसला लेने वाला समूह होता है.
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क्या होती हैं वार्ड कमेटियां?
वार्ड कमेटियां दिल्ली नगर निगम में सर्वोच्च होता है, जहां पर नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं. दिल्ली में समस्याओं और नीतियों को बनाने के लिए निगम क्षेत्र को 12 लोकल वार्ड कमेटियों में बांटा गया है. पार्षद अपने वार्ड की समस्या को उठाते हैं. 15 दिन पर वार्ड कमेटियों की बैठक होती है.
‘आप’ के लिए क्यों अहम है वार्ड कमेटी का चुनाव
दिल्ली नगर निगम में वार्ड कमेटी सत्ताधारी दल के लिए काफी अहम माना जाता है. वार्ड कमेटी जीतने के बाद पार्टी क्षेत्रीय स्तर पर उन फैसले को लागू कर सकती है, जो फैसले मुख्यालय स्तर पर होते हैं. बता दें कि दिल्ली नगर निगम की सत्ता पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है.
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