रूस-यूक्रेन विवाद पर अमेरिका शांत हुआ तो अब यूरोप गर्म हो गया है. डोनाल्ड ट्रंप से अगले सप्ताह फ्रांस के राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री मिलने वाले हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की को “तानाशाह” कहा तो फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेनी राष्ट्रपति का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें फ्री सिस्टम के तहत चुना गया है. मैक्रों ने सोशल मीडिया पर एक सवाल-जवाब में यूक्रेनी राष्ट्रपति का जिक्र करते हुए कहा, “वह एक स्वतंत्र प्रणाली से चुने गए राष्ट्रपति हैं. यह व्लादिमीर पुतिन का मामला नहीं है, जो लंबे समय से अपने विरोधियों को मार रहे हैं और अपने चुनावों में हेरफेर कर रहे हैं.”
क्या करने की सोच रहे मैक्रों
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आगे कहा कि फ्रांस एक नए युग में प्रवेश कर रहा है और उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को यह बताने की योजना बनाई है कि वह व्लादिमीर पुतिन के सामने “कमजोर” नहीं हो सकते. अगले सप्ताह ट्रंप से मिलने के लिए व्हाइट हाउस की यात्रा से पहले मैक्रों ने फ्रांस के लोगों से सोशल मीडिया पर बात की. मैक्रों ने सोशल मीडिया पर फ्रांसीसी जनता के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “मैं उन्हें बताने जा रहा हूं किआप राष्ट्रपति पुतिन के सामने कमजोर नहीं हो सकते. यह आप नहीं हैं, यह आपका ट्रेडमार्क नहीं है, यह आपके हित में नहीं है.” व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप वाशिंगटन में सोमवार को मैक्रों और अगले सप्ताह गुरुवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात करेंगे.
मामला क्या है
दरअसल, सऊदी वाली मीटिंग में अमेरिका और रूस ने मिलकर यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर बात की तो यूक्रेन वाले जेलेंस्की भड़क गए. कहने लगे कि बगैर हमारे बातचीत का कोई मतलब नहीं है. हम अमेरिका और रूस की बात को नहीं मानेंगे. जेलेंस्की की बातें सुनकर ट्रंप भड़क गए और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को यूक्रेनी नेता वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की को “तानाशाह” कह दिया. ये अब तक का सबसे बड़ा हमला ट्रंप ने जेलेंस्की पर किया है. इससे यूरोप तक चिंतित हो गया है. यूरोप खासकर फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन चाहते हैं कि अमेरिका रूस से बगैर उनके कोई समझौता न करे.
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