Human Cells Atlas: आज साइंस दिन-ब-दिन तरक्की करता जा रहा है. ऐसे में मेडिकल साइंस भी पीछे नहीं है. पिछले खुश दशकों में मेडिकल साइंस ने कई लाइलाज बिमारियों की दवाइयां बनाई हैं. अब वैज्ञानिक इंसानी शरीर की कोशिकाओं का नक्शा बना रहे हैं.
Human Cells Atlas: बीते कुछ दशकों में मेडिकल साइंस ने लगातार अपनी रिसर्च से कई तरह की लाइलाज बीमारियों की दवाइयां बनाई हैं, जो इंसानी शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मददगार साबित हुई हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, अब वैज्ञानिक इंसानी शरीर की कोशिकाओं का नक्शा बना रहे हैं. ऐसा करने से इंसान के शरीर के काम करने के तरीके को समझने में मदद मिलेगी और मेडिकल साइंस में बड़ी प्रोग्रेस हो सकती है. वैज्ञानिक लगातार इंसानी शरीर को हमेशा हेल्दी बनाए रखने के लिए एक्सपेरिमेंट और नई-नई खोजें करते रहते हैं. अब वैज्ञानिक मानव शरीर के काम करने की प्रोसेस को समझने के लिए शरीर की कोशिकाओं का नक्शा बनाने जा रहे हैं. आइए जानते हैं क्या है इंसानी सेल्स एटलस के बारे में.
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इंसानी सेल्स का नक्शा (Atlas Of Human Cells)
माना जाता है कि इंसानी शरीर लगभग 36 से 37 लाख करोड़ कोशिकाओं से मिलकर बना होता है. शरीर में मौजूद हर कोशिका का अलग काम, अलग व्यवहार, अलग जीवन होता है. ये इंसान के जीवन में कई बार बनती और नष्ट होती हैं और शरीर को काम करने के लिए एनर्जी देती हैं. शरीर की कोशिकाओं का एटलस बनाने से आने वाले समय में कई तरह की बीमारियों और कैंसर उपचार, नई दवाइयों की खोज और उम्र बढ़ने के कारणों को समझने में मदद मिल सकती है. आने वाले समय में यह विज्ञान के लिए एक बड़ी उपलब्धि हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इंसान अमर हो जाएंगे.
क्या 2026 तक “ह्यूमन सेल एटलस” तैयार कर लिया जाएगा?
इंसान की कोशिकाओं का नक्शा बनाने की प्रक्रिया, जिसे “काइन्सोम” (Human Cell Atlas) कहा जाता है, बायोलॉजी और जीनोमिक्स के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है. इसका उद्देश्य मानव शरीर की हर कोशिका की डीटेल एकत्र करना, उनकी संरचना, काम और एक दूसरे के साथ उनके इंटरएक्शन को समझना है. इससे हेल्थ, बीमारियों और इलाज के तरीकों के बारे में सही जानकारी मिल सकती है. वैज्ञानिकों के अनुसार सिर्फ 2 साल के बाद मतलब 2026 तक “ह्यूमन सेल एटलस” को तैयार कर लिया जाएगा. ऐसा करने से शरीर की हर एक कोशिका की लोकेशन, पहचान और काम सब पता होगा. इससे यह भी पता चलेगा कि कोशिकाएं उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर किस तरह से काम करती हैं.
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वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि यह नक्शा शुरूआती होगा और इसको बनाने के बाद कई तरह की अन्य खोजें भी की जाएंगी ताकि शरीर की काम करने की प्रोसेस को समझ कर इंसानी जीवन को बेहतर और लम्बा बनाया जा सके. HCA ( Hospital Corporation of America) के मेडिकल साइंस के वैज्ञानिकों ने 40 रिसर्च पेपर तैयार किए हैं. इसे इंसानी शरीर की कोशिकाओं के एटलस की पहली कॉपी बोला जा रहा है. इस रिसर्च पेपर की रिपोर्ट 20 नवंबर 2024 को नेचर जर्नल में प्रकाशित हो चुकी है.
क्या इंसान अमर हो सकते हैं?
जहां तक अमर होने की बात है, तो इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण बहुत कठिन है. वर्तमान में, किसी भी ज़िंदा इंसान को जैविक रूप से अमर बनाने का कोई रास्ता नहीं मिला है. उम्र बढ़ने की प्रोसेस और सेल्स के डैमेज होने के कारण मृत्यु होती है और इस दिशा में काम हो रहा है. कुछ वैज्ञानिक रिसर्च में उम्र बढ़ने की प्रोसेस को धीमा करने या रोकने के लिए जीनोम और सेल्स लेवल पर रिसर्च किए जा रहे हैं, लेकिन यह अभी भी शुरुआती दौर में है. किसी भी जीव को पूरी तरह से अमर बनाने की संभावना अभी तक नजर नहीं आ रही. इस समय इंसान को अमर बनाने की कोई टेक्निक नहीं है, लेकिन सेल्स और डीएनए के अध्ययन से मेडिकल के क्षेत्र में कई नए आयाम खुल सकते हैं, जिससे लाइफ़ को हेल्दी और लंबा बनाने में मदद मिल सकती है.
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