इजरायल ने लेबनान में हिज्बुल्लाह के साथ जारी संघर्ष को रोकने पर सहमति जताई है. दोनों पक्ष जिस सीजफायर समझौते पर पहुंचे हैं, आइए जानते हैं कि उसमें आखिर है कौनसी क्या.
Israel-Hezbollah Ceasefire : इजरायल पिछले कुछ महीनों से लेबनान में हिज्बुल्लाह के साथ जारी संघर्ष को रोकने पर सहमत हो गया है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि लेबनान युद्ध के खत्म होने से इजरायल को ईरान पर अपना ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा. सीजफायर को लेकर दुनिया के कई देशों का इजरायल पर दबाव था. सीजफायर समझौते की शर्तों के मुताबिक, समझौते के बाद दोनों ही पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ कोई आक्रामक अभियान नहीं चला चलाएंगे और इजरायल को 60 दिनों में निर्धारित सीमा तक पीछे हटना होगा. आइये जानते हैं कि सीजफायर समझौते में आखिर है क्या?
युद्धविराम समझौते की बड़ी बातें
हिज्बुल्लाह और लेबनानी क्षेत्रों में अन्य सभी सशस्त्र समूह इजरायल के खिलाफ कोई आक्रामक अभियान नहीं चलाएंगे. बदले में इजरायल भी लेबनान में विभिन्न लक्ष्यों (भूमि, वायु या समुद्र) पर कोई भी आक्रामक सैन्य अभियान नहीं चलाएगा.इजरायल और लेबनान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के महत्व को स्वीकार करते हैं. आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग करने के इजरायल या लेबनान के अधिकार को अस्वीकार नहीं किया जाएगा. आधिकारिक लेबनानी सुरक्षा बल और सेना एकमात्र सशस्त्र समूह होंगे, जिन्हें दक्षिणी लेबनान में हथियार ले जाने या सेना संचालित करने की अनुमति होगी.लेबनान में हथियारों या संबंधित सामग्रियों की कोई भी बिक्री, आपूर्ति या उत्पादन लेबनान की सरकार की निगरानी और नियंत्रण के अधीन होगा. हथियारों या संबंधित सामग्रियों के उत्पादन में शामिल सभी अनधिकृत सुविधाओं को नष्ट कर दिया जाएगा. सभी बिना लाइसेंस वाले बुनियादी ढांचे और सैन्य स्थलों को नष्ट कर दिया जाएगा और शर्तों का पालन करने के दायरे में नहीं आने वाले हथियारों को जब्त कर लिया जाएगा. युद्धविराम की शर्तों को सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण और सहायता के लिए दोनों पक्षों इजरायल और लेबनान को स्वीकार्य एक समिति का गठन किया जाएगा. इजरायल और लेबनान किसी भी संभावित उल्लंघन की रिपोर्ट समिति और UNIFIL को देंगे. लेबनान अपने आधिकारिक सुरक्षाबलों और सेना को सभी सीमाओं, क्रॉसिंग बिंदुओं और तैनाती योजना में उल्लिखित दक्षिणी इलाके को दर्शाने वाली लाइन पर तैनात करेगा.इजरायल 60 दिनों की अवधि के भीतर धीरे-धीरे निर्धारित सीमा के दक्षिण से हट जाएगा. अमेरिका मान्यता प्राप्त जमीनी बॉर्डर पर एक समझौते तक पहुंचने के लिए इजरायल और लेबनान के बीच अप्रत्यक्ष बातचीत की सुविधा प्रदान करेगा. NDTV India – Latest
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