November 24, 2024
इनकम टैक्स रेड से कैसे खुला 5 Ngo का काला चिट्ठा, Ndtv की रिपोर्ट से पूरा मामला समझिए

इनकम टैक्स रेड से कैसे खुला 5 NGO का काला चिट्ठा, NDTV की रिपोर्ट से पूरा मामला समझिए​

Income Tx Raid On NGO: एनजीओ का काम वैसे तो समाज की भलाई के काम करना होता है, लेकिन विदेश से मिली भारी भरकम रकम से ये बड़ी-बड़ी कंपनियों के प्रोजेक्ट्स रुकवाने में लगी हुई थीं.

Income Tx Raid On NGO: एनजीओ का काम वैसे तो समाज की भलाई के काम करना होता है, लेकिन विदेश से मिली भारी भरकम रकम से ये बड़ी-बड़ी कंपनियों के प्रोजेक्ट्स रुकवाने में लगी हुई थीं.

आयकर विभाग के छापों में देशविरोधी कामों में लगे पांच NGO का कारनामों का पूरा काला चिट्ठा खुला है. विदेशों से मिले फंड से ये एनजीओ देश में विकास की परियोजनाओं को पटरी से उतारने के काम जुटे हुए थे. एनजीओ का काम वैसे तो समाज की भलाई के काम करना होता है, लेकिन विदेश से मिले भारी भरकम पैसों से ये बड़ी-बड़ी कंपनियों जैसे कि अडाणी, JSW पावर के प्रोजेक्ट्स को रुकवाने में लगे थे. इसके लिए लोगों को उकसाया गया. जगह-जगह प्रदर्शन करवाए गए.

आखिर कैसे खुला मामला?

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस पूरे मामले की परतें इनकम टैक्स विभाग के सितंबर 2022 के छापों के बाद खुलनी शुरू हुईं. विभाग ने जब गहराई में जाकर तफ्तीश शुरू की, तो हैरान कर देने वालीं बातें पता चलीं. इसमें पता चला कि कैसे ये एनजीओ आपस में मिले हुए थे. आईटी विभाग के मुताबिक एक एनजीओ का डायरेक्टर दूसरे एनजीओ का शेयरहोल्डर पाया गया.

ऑक्सफैम इंडिया की अदाणी पोर्ट्स को डिलिस्ट करने में सीधी दिलचस्पी होने का भी खुलासा हुई है. इनकम टैक्स विभाग ने 7 सितंबर को 5 एनजीओ पर छापेमारी की थी. ऑक्सफैम. सीपीआर, एनवायोनिक्स ट्रस्ट, LIFE, CISSD पर रेड मारी गई थी.

NGO की 75% फंडिंग विदेश से

5 एनजीओ पर छापे के बाद इनकम टैक्स विभाग ने बड़ा खुलासा किया है. 5 सालों में इनमें से चार एनजीओ की 75 प्रतिशत फंडिंग विदेशों से हुई है. एनजीओ के जरिए बड़ी कंपनियों की परियोजनाओं के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा था. अदाणी समूह का काम रोकने में ऑक्सफैम इंडिया ने ऑक्सफैम ऑस्ट्रेलिया की मदद की.

लोगों को भड़काने का काम किया गया

दरअसल एनजीओ की भूमिका को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे थे. आईटी के छापे में खुलासा हुआ है कि अदाणी और JSW पावर के प्रोजेक्ट्स को प्रभावित किया गया था. आईटी की जांच में ये सभी एनजीओ आपस में मिले हुए पाए गए हैं. इन एनजीओ को लीड करने वाले भी आपस में मिले हुए पाए गए हैं. किसी भी नॉन प्रोफिट ऑर्गनाइजेशन का मकसद समाज के लिए काम करना होता है. लेकिन यहां पर फंडिंग के इस्तेमाल से बड़ी-बड़ी कंपनियों के प्रोजक्ट्स को रोकने की कोशिश की जा रही है. कहीं न कहीं ये सभी एनजीओ ने लोगों को प्रभावित करने का काम करते हुए प्रदर्शन करवाए.

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