November 24, 2024
इन 5 नस्ल के कुत्तों को पालने से पहले सोच लें 100 बार, इनमें होती हैं ये खतरनाक बीमारियां

इन 5 नस्ल के कुत्तों को पालने से पहले सोच लें 100 बार, इनमें होती हैं ये खतरनाक बीमारियां​

कुत्ते पालने का शौक है, तो इन 5 नस्ल के कुत्तों को पालने से पहले सौ बार सोच लेना, क्योंकि इन 5 नस्लों के कुत्तों में ऐसी-ऐसी बीमारियां होती हैं, जिनका इलाज आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है.

कुत्ते पालने का शौक है, तो इन 5 नस्ल के कुत्तों को पालने से पहले सौ बार सोच लेना, क्योंकि इन 5 नस्लों के कुत्तों में ऐसी-ऐसी बीमारियां होती हैं, जिनका इलाज आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है.

कुत्ते (Dogs) पालने का शौक लोगों में दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. भारत में यह ट्रेंड और भी तेजी से बढ़ रहा है. कई लोगों को कुत्ते पालना पसंद है, तो कईयों को यह इरिटेट करता है. कुत्तों की कई नस्ल है, जो मोटे दामों पर मिलती हैं. ऐसे में कई लोग सोसाइटी में खुद को अलग दिखाने के लिए कुत्तों की विदेशी नस्लों को खरीदने के लिए लाखों रुपये खर्च करते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं तो, कुत्तों को पालने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि क्या वो किसी हेल्थ इश्यू से तो नहीं जूझ रहा है, क्योंकि इससे आप में भी संक्रमण फैल सकता है. ब्रिटिश पशु चिकित्सक एलेक्स क्रो अपनी एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें उन्होंने कुत्तों की सैंकड़ों नस्लों पर रिसर्च की है. एलेक्स ने अपनी रिसर्च के बाद स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण इन 5 नस्लों के कुत्तों को न रखने की चेतावनी दी है. आइए जानते हैं इन कुत्तों की इन नस्लों के बारे में.

शार पेई (Shar Pei)
नेट वेट के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एलेक्स क्रो ने अपनी रिसर्च पर एक वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी है. एलेक्स की मानें तो शार पेई नस्ल का कुत्ता पालना ठीक नहीं है. इसे स्किन और कानों संबंधी बीमारी होती हैं और साथ ही एक इसको आंखों संबंधी कई बीमारियां घेरती रहती हैं. इसे शार पेई फीवर भी होता है, जो आपके लिए भी किसी खतरे से कम नहीं है.

फ्लैट फेस्ड ब्रीड्स Flat-faced Breeds (French Bulldogs, Pugs, Bulldogs)
इस नस्ल के कुत्तों में फ्रैंच बुलडॉग्स, पग्स और बुलडॉग्स आते हैं. कुतों की इस नस्ल को घर में पालने से उनकी मुंह की हवाएं घर में फैलने से सांस लेने संबंधी बीमारी पैदा होती है. साथ ही घर में ओवरहीटिंग होने लगती है और घर में एक एसिड फैलने लगता है. एलेक्स के अनुसार, इन बीमारी के होने से इनका इलाज काफी महंगा है और इन नस्ल के कुत्ते ज्यादा स्किन, ईयर इंफेक्शन, एलर्जी, स्पाइनल प्रॉब्लम और आंखों की समस्या से जूझते हैं, जो लोगों में भी फैलने लगती है.

जर्मन शेफर्ड (German Shepherd)
जर्मन शेफर्ड कुत्तों की सबसे पॉपुलर नस्ल है, जो भारत में भी फेमस है. एलेक्स का कहना है कि जर्मन शेफर्ड नस्ल की कुत्तों के साथ रहना बहुत कठिन है, क्योंकि इन्हें पालने के लिए बहुत हार्ड वर्क करना पड़ता है. इस नस्ल का लाइफस्टाइल मेंटेन करने के लिए लोगों के पसीने छूट जाते हैं. वहीं, जब इस नस्ल को कुत्तों के इनके मुताबिक ट्रीटमेंट नहीं मिलता है तो, यह इरिटेट होकर हमला करना शुरू कर देते हैं. जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों में कूल्हे और कोहनी में दर्द की समस्या होती है.

ग्रेट डैन (Great Dane)
इस नस्ल के कुत्तों को ‘जेंटल जियांट्स’ भी कहते हैं. इन नस्ल को कुत्तों में हार्ट संबंधी (Cardiomyopathy) बीमारी होती है. ये कुत्ते साइज में बहुत बड़े होते हैं, यही कारण है कि इनका जीवन 7 से 8 साल तक का होता है. इनमें स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियां भी होती हैं.

दचशंड (Dachshund)
दचशंड नस्ल के कुत्ते की कमर बेहद लंबी और टांगे छोटी होती हैं. इसलिए इनमें में कमर दर्द की समस्या ज्यादा होती हैं. दचशंड ब्रीड्स में जोड़ों के दर्द की भी प्रॉब्लम होती है. साथ ही इन्हें जन्म से ही आई डिसऑर्डर होता है, जो रेटिना से संबंधित होती है. एलेक्स ने कुत्तों की कई नस्लों की बीमारियों का पता लगाया है, लेकिन उन्हें इन पांच नस्लों के कुत्तों में सबसे ज्यादा बीमारियां नजर आईं.

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