प्रदेश भर में 100 शहरी स्थानीय निकायों के लिए चुनाव हुए हैं जिनमें 11 नगर निगम, 43 नगर पालिका परिषद और 46 नगर पंचायतें शामिल हैं.
उत्तराखंड निकाय चुनाव में 100 निकायों के लिए 23 जनवरी को हुए मतदान के बाद शनिवार को 25 जनवरी के दिन वोटों की काउंटिंग होने जा रही है. आयोग के अनुसार, प्रदेश में कुल 65.41 मतदान हुआ जो साल 2018 के चुनाव से 4.38 कम है. शनिवार को प्रदेशभर में कुल 54 केंद्रों पर काउटिंग होगी. आयोग के अनुसार, इस बार प्रदेश में 30,29,028 मतदाताओं में से 19,81,200 ने मताधिकार का प्रयोग किया. राज्य निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को मतदान खत्म होने पर अनंतिम आंकड़े जारी करते हुए करीब 66 वोटिंग बताई गई थी. साल 2018 के निकाय चुनाव में कुल 69.79 मतदान हुआ था. इस बार मतदान में 4.38 की कमी दर्ज की गई है.
उत्तराखंड में 100 स्थानीय निकायों के चुनाव एक तरह से इस पहाड़ी राज्य में मिनी विधानसभा चुनाव जैसे हैं. विधानसभा चुनाव की तर्ज पर ही कांग्रेस और बीजेपी की बीच चुनावी टक्कर है. दोनों दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. मिनी चुनावों की यह हार जीत प्रदेश की धामी सरकार के लिए कई मेसेज लेकर आएगी. उत्तराखंड में 11 नगर निगमों सहित स्थानीय नगर निकायों के लिए गुरुवार को मतदान हुआ और 66 फीसदी वोट पड़े.उत्तराखंड में 100 शहरी स्थानीय निकायों में 11 नगर निगम, 43 नगर पालिका परिषद और 46 नगर पंचायतें हैंशहरी स्थानीय निकायों के चुनाव में कुल 5,405 उम्मीदवार चुनावी रण में हैं, जिनमें से 72 उम्मीदवार मेयर पद के लिए, 445 नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष और 4888 नगर पार्षद पद के लिए मैदान में हैंलोकसभा और विधानसभा चुनावों की तरह इन चुनावों में भी भाजपा और कांग्रेस सीधी टक्कर में हैं.
LIVE UPDATES:
काउंटिंग के लिए तैयारियां पूरी
मतगणना से संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सुबह 8 बजे से मतगणना का काम शुरू होगा. मतगणना से पहले कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया.
उत्तराखंड निकाय चुनाव नतीजे आज
उत्तराखंड में 11 नगर निगमों सहित स्थानीय नगर निकायों के लिए बृहस्पतिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में मतदान हुआ. चुनाव नतीजे आज घोषित किए जाएंगे. इस बार के निकाय चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है.
उत्तराखंड निकाय चुनाव में कौन मारेगा बाजी
उत्तराखंड में 100 स्थानीय निकायों के चुनाव एक तरह से इस पहाड़ी राज्य में मिनी विधानसभा चुनाव जैसे हैं. विधानसभा चुनाव की तर्ज पर ही कांग्रेस और बीजेपी की बीच चुनावी टक्कर है. दोनों दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. मिनी चुनावों की यह हार जीत प्रदेश की धामी सरकार के लिए कई मैसेज लेकर आएगी.
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