एक्सपर्ट से जानिए क्या बच्चे को लेटकर दूध पिलाने से दूध कान में चला जाता है?​

 Breast feeding myths : बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शीला अगालेचा ने अपने इंस्टागाम अकाउंट मां को किस तरीके से बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग करानी चाहिए.

Right way of Breast feeding : अक्सर हम देखते है की मां को लेटकर दूध पिलाने से माना किया जाता है, भले ही ऑपरेशन के बाद बैठना संभव ना हो. क्योंकि लोगों का ऐसा मानना है कि लेटकर दूध पिलाने से दूध बच्चे के कान में चला जाता है. आखिर इस बात में कितनी सच्चाई है, इसके बारे में जानेंगे बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शीला अगालेचा (dr_sheela_aglecha) से. डॉक्टर शीला अपने इंस्टागाम अकाउंट पर साझा वीडियो में बताती हैं कि यह एक एक भ्रांती है. मां जिस पोजीशन में चाहे अपने बच्चे को आराम से दूध पिला सकती है.

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डॉक्टर शीला का कहना है कि मां जिस तरह सहज महसूस करे अपने बच्चे को ब्रेस्ट फीड करा सकती है. करवट लेकर, बेबी लेड अटैचमेंट (बच्चा खुद स्तन ढूंढे), क्रेडल होल्ड और फुटबॉल होल्ड, करके अपने बच्चे को दूधा पीला सकती है. 

बच्चे की देखभाल में इन बातों का जरूर रखें ध्यान

2-2 घंटे में ब्रेस्ट फ्रीडिंग कराते रहें. इससे ज्यादा देर न करें. वहीं, आजकल बच्चा पैदा होते ही लोग उसके साथ सेल्फी लेना शुरू कर देते हैं, जो कि गलत है. मोबाइल की रोशनी से बच्चे की आंख रोशनी पर बुरा असर पड़ सकता है.

इसके अलावा न्यू बॉर्न बेबी को बार-बार चूमना, गंदे हाथ से छुना और बहुत देर तक कंबल में लपेटकर रखने से चेहरे पर दाने निकल आते हैं. 

कुछ मांएं पूरा दिन बच्चे को डायपर पहनाकर रखती हैं, जिससे बच्चे की स्किन छिल जाती है, जबकी हर 2 घंटे में बच्चे का डायपर चेंज करते रहना चाहिए. यही नहीं आप बच्चे को पंखे के नीचे या एसी के सामने सुलाने से बचें. इससे बच्चे को सर्दी जुकाम बना रह सकता है. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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