April 1, 2025
एक और जंग की आहट! न्यूक्लियर डील पर ट्रंप की ईरान को धमकी 'समझौता करो नहीं तो बमबारी होगी'

एक और जंग की आहट! न्यूक्लियर डील पर ट्रंप की ईरान को धमकी- ‘समझौता करो नहीं तो बमबारी होगी’​

ट्रंप ने एनबीसी न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि अगर ईरान समझौते के लिए तैयार नहीं होता है, तो उसके खिलाफ ऐसी बमबारी की जाएगी जैसी उसने पहले कभी नहीं देखी होगी.

ट्रंप ने एनबीसी न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि अगर ईरान समझौते के लिए तैयार नहीं होता है, तो उसके खिलाफ ऐसी बमबारी की जाएगी जैसी उसने पहले कभी नहीं देखी होगी.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर वह न्यूक्लियर डील पर सहमति नहीं बनाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. एनबीसी न्यूज के अनुसार ट्रंप ने एक साक्षात्कार में कहा कि अगर ईरान सौदा नहीं करता है, तो बमबारी की जाएगी.

ट्रंप ने एनबीसी न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि अगर ईरान समझौते के लिए तैयार नहीं होता है, तो उसके खिलाफ ऐसी बमबारी की जाएगी जैसी उसने पहले कभी नहीं देखी होगी. यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर वाशिंगटन और तेहरान के बीच तनाव बढ़ गया है. ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने ट्रंप के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, कहा है कि ईरान धमकाने वाली सरकारों के साथ बातचीत नहीं करेगा.

ट्रंप की यह चेतावनी ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन की ओर से ईरान के सर्वोच्च नेता को भेजे गए पत्र के जवाब में आई है, जिसमें कहा गया था कि तेहरान वाशिंगटन के साथ सीधी बातचीत नहीं करेगा. पेजेशकियन ने टेलीविजन पर दिए गए संबोधन में कहा कि हम बातचीत से नहीं बचते. लेकिन यह वादाखिलाफी है जिसने अब तक हमारे लिए समस्याएं खड़ी की हैं. उन्हें यह साबित करना होगा कि वे विश्वास कायम कर सकते हैं.

इससे पहले मार्च में ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि तेहरान को या तो नए सिरे से बातचीत के लिए सहमत होना होगा या सैन्य टकराव का सामना करना होगा.

अमेरिका ने 2018 में समझौते से खुद को अलग कर लिया और ‘अधिकतम दबाव’ की नीति के तहत प्रतिबंध लगा दिए. प्रतिबंध ईरान के साथ व्यापार करने वाले सभी देशों और कंपनियों पर लागू हुए और इन्होंने तेहरान को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से अलग कर दिया, जिससे परमाणु समझौते के आर्थिक प्रावधान शून्य हो गए.

जेसीपीओए को फिर से लागू करने के लिए बातचीत अप्रैल 2021 में ऑस्ट्रिया के वियना में शुरू हुई. कई राउंड की वार्ता के बावजूद, अगस्त 2022 में अंतिम दौर की वार्ता के बाद से कोई महत्वपूर्ण कामयाबी हासिल नहीं हुई है.

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