Types of Bank Cheques: अक्सर लोग सभी 9 तरह के बैंक चेक के बारे में नहीं जानते. चलिए आज आपको इन सभी के बारे में बताते हैं साथ ही ये भी बताएंगे कि कौन सा चेक कब और कहां काम आता है.
Types of Cheques: आज के समय में पैसे ट्रांसफर करने के लिए भले ही UPI, ऑनलाइन बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट का ट्रेंड काफी बढ़ गया है, लेकिन बैंक चेक की अहमियत अभी भी बनी हुई है. आज भी जब किसी को बड़ी रकम देनी होती है तो लोग चेक से ही पेमेंट करना पसंद करते हैं. आपने भी जरूरत पड़ने पर कई तरह के चेक का इस्तेमाल किया होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बैंक चेक (Bank Cheque) कितने तरह के होते हैं और इनका इस्तेमाल कैसे किया जाता है.
अक्सर लोग चार-पांच चेक के बारे में तो जानते हैं लेकिन सभी 9 तरह के बैंक चेक के बारे में नहीं जानते. चलिए आज आपको इन सभी के बारे में बताते हैं साथ ही ये भी बताएंगे कि कहां किस चेक का इस्तेमाल किया जाता है.
1. बेयरर चेक (Bearer Cheque)
बेयरर चेक उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसका नाम चेक पर लिखा होता है या जो भी इसे बैंक में डिपॉजिट करता है. इस चेक को पेयबल टू बियरर (Payable to Bearer) चेक भी कहते हैं. बेयरर चेक का मतलब है कि ये चेक जो भी लेकर बैंक जाएगा उसे चेक पर लिखी रकम बैंक की तरफ से दे दी जाएगी. चेक पर लिखी रकम देने से पहले बैंक इस बात की जांच नहीं करते हैं कि वह चेक उसी व्यक्ति का है भी या नहीं क्योंकि यह चेक किसी को भी ट्रांसफर किए जा सकते हैं. इसलिए इन चेक का रिस्क ये है कि अगर ये कहीं गिर जाएं या गुम हो जाए, तो कोई भी उन्हें इनकैश करा सकता है.
2. ऑर्डर चेक (Order Cheque)
यह चेक केवल उसी व्यक्ति को दिया जाता है जिसका नाम चेक पर लिखा होता है. इनमें चेक पर लिखा or bearer शब्द काटकर or Order लिखा जाता है. इस चेक पर लिखा अमाउंट सिर्फ उसी व्यक्ति को दिया जा सकता है, जिसका नाम उस पर लिखा हुआ होता है. इसलिए ऑर्डर चेक के बदले पेमेंट करने से पहले बैंक उस शख्स का की जांच करते हैं, जिसका नाम चेक पर होता है. जांच के बाद पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही बैंक चेक पर लिखी रकम का पेमेंट करते हैं. यानी यह चेक काफी सिक्योर होता है क्योंकि केवल जिसके नाम पर चेक है वही व्यक्ति उसे कैश करा सकता है. इस चेक को “payable to order” चेक भी कहते हैं.
3. क्रॉस्ड चेक (Crossed Cheque)
क्रॉस्ड चेक (Crossed Cheque) में, चेक के बाईं तरफ ऊपर के कोने पर दो समानांतर रेखाएं (Parallel lines) खींची जाती हैं. इस चेक की खास बात ये है कि इसे बैंक ले जाकर इनकैश नहीं किया जा सकता, उस चेक से पेमेंट सिर्फ बैंक अकाउंट में ही की जा सकती है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि क्रॉस्ड चेक चाहे कोई भी व्यक्ति बैंक में जमा करे, ट्रांजैक्शन चेक में लिखे व्यक्ति के अकाउंट में ही की जाएगी.
4. ओपन चेक (Open Cheque)
ओपन चेक, को अनक्रॉस्ड चेक (Uncrossed Cheque) भी कहते हैं. यह एक ऐसा चेक है जिसे कोई भी व्यक्ति बैंक में दिखाकर पैसे निकाल सकता है. यानी यह चेक सिक्योर नहीं होता है क्योंकि अगर चेक खो जाता है, तो कोई भी इसे इनकैश करा सकता है. इसे ओरिजनल रेसिपिएंट से दूसरे रेसिपिएंट को ट्रांसफर भी किया जा सकता है.
5. पोस्ट-डेटेड चेक (Post-Dated Cheque)
पोस्ट-डेटेड चेक का इस्तेमाल किसी आगे की तारीख के लिए किया जाता है. यानी जिस चेक पर उसे जारी की गई तारीख के बाद की डेट लिखी होती है, उसे पोस्ट-डेटेड चेक कहा जाता है. यह चेक इश्यू होने के बाद किसी भी समय आप बैंक में जमा कर सकते हैं, लेकिन चेक पर लिखी गई तारीख पर ही चेक जारी करने वाले के अकाउंट से पैसा आपके अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा. अक्सर लोग सोसायटी का पेमेंट करने या हर महीने घर का किराया देने के लिए पोस्ट-डेटेड चेक का इस्तेमाल करते हैं.
6. स्टेल चेक (Stale Cheque)
स्टेल चेक (Stale Cheque) का मतलब है, जिसका वैलिडिटी पीरियड एक्सपायर हो चुका होता है और जिसे अब इनकैश नहीं किया जा सकता. शुरुआत में, यह अवधि चेक जारी होने की तारीख से छह महीने रखी गई थी लेकिन अब यह अवधि घटाकर तीन महीने कर दी गई है. यानी चेक को तीन महीने के भीतर बैंक में जमा कर देना चाहिए, उसके बाद यह वैलिड नहीं रह जाता.
7. ट्रैवलर चेक (Traveller’s Cheque)
ट्रैवलिंग के दौरान ज्यादा कैश ले जाने के बजाय लोग इस चेक का इस्तेमाल करना पसंद करते है. लोग वेकेशन पर जाने के दौरान ट्रैवलर्स चेक यूज करते हैं और जरूरत पड़ने पर इनकी मदद से बैंक से कैश निकालते हैं. इन चेक की खास बात ये है ये चेक कभी एक्सपायर नहीं होते हैं, यानी भले ही इस ट्रिप में आपने इनका इस्तेमाल न किया हो तो फ्यूचर ट्रिप्स के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है.
8. सेल्फ चेक (Self Cheque)
सेल्फ चेक (Self Cheque) एक ऐसा चेक होता है जिसे अकाउंट होल्डर अपने खुद के लिए इश्यू करता है. यानी चेक लिखने वाला और उसे रिसीव करने वाला एक ही व्यक्ति होता है. इसमें नाम वाले कॉलम में “Self” लिखते हैं. इस चेक का इस्तेमाल, खुद के इस्तेमाल के लिए बैंक से पैसे निकालने के लिए किया जाता है. सेल्फ चेक का इस्तेमाल करके आप पैसा उसी बैंक से निकाल सकते हैं जिसमें आपका अकाउंट है.
9. बैंकर्स चेक (Banker’s Cheque)
बैंकर्स चेक, अकाउंट होल्डर की ओर से बैंक जारी करता है. यह एक तरह का बैंक ड्राफ्ट होता है जिसे डिमांड ड्राफ्ट (DD) भी कहा जाता है. इस चेक का भुगतान उसी शहर में किया जाता है जहां यह इश्यू किया गया हो. यानी इस चेक की मदद से आप अपने शहर में किसी दूसरे व्यक्ति को पैसे भेज सकते हैं.
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