पिछले साल औरंगाबाद के गोह थाना क्षेत्र से दो भाकपा (माओवादी) के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के मामले में एनआईए ने यह बड़ी कार्रवाई की है. जानिए क्या है मामला…
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के खिलाफ अपनी जांच के तहत बृहस्पतिवार को बिहार में छापेमारी के दौरान हथियार और चार करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद की. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी.
बयान के मुताबिक, साजिश के एक मामले में तीन संदिग्धों के घरों और कार्यालय परिसरों पर छापेमारी की गयी. एनआईए ने जांच में पाया गया कि मगध क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए ये तीनों, भाकपा (माओवादी) के नेताओं को धन और रसद सहायता प्रदान करने में शामिल थे.
एनआईए द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि बिहार के गया और कैमूर जिलों में कुल पांच स्थानों पर अभियान के तहत छापेमारी की गई. बयान के मुताबिक, छापेमारी का उद्देश्य राज्य के मगध क्षेत्र में भाकपा (माओवादी) को पुनर्जीवित और मजबूत करने की साजिश को विफल करना था. बयान में बताया गया, “ भाकपा (माओवादी) मगध जोन को फिर से तैयार करने के मामले में एनआईए द्वारा बृहस्पतिवार को की गयी व्यापक छापेमारी में बिहार से भारी मात्रा में हथियार, नकदी और डिजिटल उपकरण और दस्तावेज बरामद किये गये.”
ये हुआ बरामद
बयान के मुताबिक, जब्त किए गए हथियारों में विभिन्न बोर के 10 हथियार, 4.03 करोड़ रुपये नकद, संबंधित दस्तावेज और विभिन्न डिजिटल उपकरण शामिल हैं. यह मामला पिछले साल सात अगस्त को औरंगाबाद जिले के गोह थाना क्षेत्र से भाकपा (माओवादी) के दो कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद से शुरू हुआ है, जिसमें छापेमारी की गई है. एनआईए ने बताया कि आरोपी रोहित राय और प्रमोद यादव के पास से हथियार और गोला-बारूद के साथ-साथ भाकपा (माओवादी) मगध क्षेत्रीय सांगठनिक कमेटी से संबंधित पुस्तिकाएं बरामद की गईं. एनआईए ने 26 सितंबर, 2023 को जांच का जिम्मा संभाला था और 20 आरोपियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था.
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