March 21, 2025
ओडिशा सरकार की पुरी में केबल लैंडिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना

ओडिशा सरकार की पुरी में केबल लैंडिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना​

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, इस पहल से राज्य के डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी, डेटा सेंटर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा, शीर्ष तकनीकी कंपनियों को आकर्षित किया जाएगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, इस पहल से राज्य के डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी, डेटा सेंटर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा, शीर्ष तकनीकी कंपनियों को आकर्षित किया जाएगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे.

ओडिशा को ग्लोबल डिजिटल हब के रूप में स्थापित करने की रणनीति के तहत राज्य सरकार का इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी विभाग पुरी में एक केबल लैंडिंग स्टेशन (सीएलएस) स्थापित करने की योजना बना रहा है. मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने बुधवार को इस परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) की प्रगति की समीक्षा की. इस परियोजना को ‘रेलटेल’ और ‘डेलॉइट’ द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया जा रहा है.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, इस पहल से राज्य के डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी, डेटा सेंटर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा, शीर्ष तकनीकी कंपनियों को आकर्षित किया जाएगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे. आहूजा ने डीपीआर को शीघ्र अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करने और परियोजना को तीन वर्षों के भीतर पूरा करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए.

एक विज्ञप्ति में कहा गया कि ओडिशा केबल लैंडिंग स्टेशन राज्य सरकार की एक प्रमुख पहल है. सरकार डिजिटल निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे व्यापार, प्रौद्योगिकी कंपनियों और कार्यबल के लिए व्यापक अवसर खुलेंगे. पुरी को केबल लैंडिंग स्टेशन के लिए उपयुक्त भौगोलिक स्थिति, अनुकूल समुद्री तट, विस्तार की संभावनाएं और मजबूत बुनियादी ढांचे के कारण चुना गया है.

यह सुविधा प्रत्यक्ष अंतरराष्ट्रीय फाइबर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी जिससे इंटरनेट की गति में सुधार होगा, इंटरनेट सर्च में विलंबता (लेटेंसी) में कमी आएगी और ओडिशा को हाइपरस्केलर्स, वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) और उद्यमों के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित किया जाएगा. इस परियोजना के लागू होने के बाद भारत की डेटा-आधारित अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी.

केबल लैंडिंग स्टेशन (सीएलएस) एक तटीय सुविधा होती है जिसमें समुद्र के नीचे बिछे फाइबर ऑप्टिक केबल अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार और इंटरनेट ट्रैफिक को स्थलीय नेटवर्क से जोड़ते हैं. इसे सबमरीन केबल लैंडिंग स्टेशन भी कहा जाता है.

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