बीजेपी (BJP) ने पार्टी की सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के तीन कृषि कानूनों को वापस लागू किए जाने के बयान से का खंडन करते हुए इससे किनारा कर लिया है. बीजेपी ने इस बयान को पार्टी का नहीं बल्कि उनका व्यक्तिगत विचार बताया है. बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा है कि मंडी लोकसभा क्षेत्र की सांसद तीन कृषि कानूनों पर पार्टी की ओर से बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं.
बीजेपी (BJP) ने पार्टी की सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के तीन कृषि कानूनों को वापस लागू किए जाने के बयान से का खंडन करते हुए इससे किनारा कर लिया है. बीजेपी ने इस बयान को पार्टी का नहीं बल्कि उनका व्यक्तिगत विचार बताया है. बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा है कि मंडी लोकसभा क्षेत्र की सांसद तीन कृषि कानूनों पर पार्टी की ओर से बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं.
बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक्स पर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने कंगना रनौत के बयान पर पार्टी का रुख स्पष्ट किया है. भाटिया ने कहा है कि, “तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर कंगना रनौत जी, जो कि भाजपा की सांसद नेत्री हैं, उनका एक बयान तीन कृषि कानूनों को लेकर, जो कि पहले वापस लिए गए थे, चल रहा है. मैं बिल्कुल स्पष्टता से कहना चाहता हूं, यह बयान कगना रनौत जी का व्यक्तिगत बयान है.”
#WATCH | BJP leader Gaurav Bhatia says, “On the social media platforms, BJP MP Kangana Ranaut’s statement on the farm bills that was withdrawn by central govt, is going viral. I want to make it clear that this statement is a personal statement of her. Kangana Ranaut is not… pic.twitter.com/hZmJ8j7Qf8
— ANI (@ANI) September 24, 2024
भाटिया ने कहा कि, ”भारतीय जनता पार्टी की तरफ से न कंगना रनौत जी ऐसा कोई बयान देने के लिए अधिकृत हैं और न ही उनका बयान, जो पार्टी की सोच है, तीन कृषि कानूनों को लेकर, उसको दर्शाता है. इसलिए उस बयान का हम खंडन करते हैं.”
हिमाचल प्रदेश के मंडी की सांसद कंगना रनौत ने कहा था है कि उन तीन कृषि कानूनों को दोबारा लागू किया जाना चाहिए जिन्हें केंद्र सरकार ने भारी विरोध के चलते वापस ले लिया था.
एक कार्यक्रम में कंगना रनौत ने कहा कि ‘कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए. मुझे लगता है कि यह विवादास्पद हो सकता है, लेकिन वे किसानों के हित में हैं. किसानों को कृषि कानूनों को वापस लाने की खुद मांग करनी चाहिए ताकि वे समृद्ध हो सकें.”
उन्होंने कहा कि, ”किसान भारत की प्रगति में ताकत के स्तंभ हैं. सिर्फ कुछ राज्यों ने कृषि कानूनों पर आपत्ति जताई है. मैं आग्रह करती हूं कि किसानों के हित में कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए.”
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