Jammu Kashmir Assembly Election First Phase Voting: जम्मू कश्मीर में आज पहले चरण का मतदान है. हॉट सीटों पर समीकरण से लेकर जमात की मंशा तक जानिए सब कुछ इस रिपोर्ट में…
Jammu Kashmir Voting: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu Kashmir Assembly Elections 2024) के तहत पहले चरण का मतदान कुछ ही देर में शुरू होने वाला है. पहले चरण की कुल 24 सीटों पर सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा. जम्मू-कश्मीर में कुल 90 सीटें हैं. इनमें 47 घाटी में और 43 जम्मू संभाग में हैं. इनमें से नौ सीटें एसटी के लिए और सात एससी के लिए आरक्षित हैं. मतदान तीन चरणों में होंगे. दूसरे चरण के लिए 25 सितंबर और तीसरे तथा अंतिम चरण के लिए 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
चुनाव आयोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, केंद्रशासित प्रदेश में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं. इनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं. यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है, जबकि कुल 20.7 लाख मतदाताओं की उम्र 20 से 29 वर्ष के बीच है.
हॉट सीटों का समीकरण
जमात हो गया है सक्रिय
प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व महासचिव गुलाम कादिर लोन ने कहा कि संगठन ने सरकार के प्रतिनिधियों के साथ अपनी बैठकों में साफ कर दिया कि संगठन पर प्रतिबंध अवैध है और इस पर पुनर्विचार का आग्रह किया है. लोन ने इस बात को रेखांकित किया कि संगठन ने प्रतिबंध पर केंद्र के साथ बातचीत के लिए नौ सदस्यीय समिति का गठन किया है. उन्होंने कहा कि जमात ने संसदीय चुनावों में भाग लेने का फैसला किया था और यह एक ऐसा कदम था, जिसने कश्मीर में मतदान में वृद्धि में योगदान दिया. जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक गलियारे में इस निर्णय का स्वागत किया गया. हालांकि इस बात से वे निराश हैं कि कश्मीर के दो लोकसभा सदस्यों ने संसद में प्रतिबंध का मुद्दा नहीं उठाया, जिससे हमें ऐसा महसूस हो रहा है कि हमें धोखा दिया गया है,
विस्थापित कश्मीरी पंडित भी देंगे वोट
जम्मू-कश्मीर में बुधवार को होने वाले पहले चरण के विधानसभा चुनाव में देशभर में रह रहे 35,000 से अधिक विस्थापित कश्मीरी पंडित 24 मतदान केंद्रों पर वोट डालने के पात्र हैं. विस्थापित कश्मीरी पंडित दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिले के 16 विधानसभा क्षेत्रों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे. पहले चरण के चुनाव में 35,500 प्रवासी कश्मीरी मतदाता जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में स्थापित 24 विशेष मतदान केंद्रों पर वोट डालने के पात्र हैं.
370 पर फिर गरमा-गरमी
नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को रद्द करने का फैसला संसद ने लिया था, भगवान ने नहीं. उमर ने जोर देकर कहा कि इस फैसले को पलटा (भी) जा सकता है. उमर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जम्मू में सोमवार को आयोजित एक चुनावी रैली में दी गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. शाह ने कहा था कि अनुच्छेद-370 इतिहास के पन्नों में दफन हो चुका है और यह फिर कभी भारतीय संविधान का हिस्सा नहीं बनेगा. नेकां उपाध्यक्ष ने कहा, “नामुमकिन कुछ भी नहीं है.”
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