मुख्य विपक्षी दल के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से यह आग्रह भी किया कि उन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को जांच पूरी होने तक सील करके सुरक्षित रखा जाए, जिनको लेकर सवाल उठे हैं.
कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के ‘‘आश्चर्यजनक” परिणाम से जुड़ी शिकायतों के बारे में बुधवार को निर्वाचन आयोग को अवगत कराया और इनकी जांच की मांग की. मुख्य विपक्षी दल के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से यह आग्रह भी किया कि उन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को जांच पूरी होने तक सील करके सुरक्षित रखा जाए, जिनको लेकर सवाल उठे हैं.
आयोग से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव जयराम रमेश, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदय भान, पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा तथा कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा शामिल थे.
पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे. कांग्रेस ने आयोग को सात शिकायतों वाला एक प्रतिवेदन भी सौंपा और जांच की मांग की.
आयोग से कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के मुलाकात के बाद खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव आयोग को हमने अपनी 20 शिकायतों के बारे में जानकारी दी है. इनमें सात शिकायतें हमारे पास लिखित में मौजूद हैं. इन शिकायतों में ईवीएम की बैट्री के 99 प्रतिशत चार्ज होने से जुड़ा मामला है, जिससे हमने चुनाव आयोग को अवगत कराया. हमने मांग रखी है कि उन मशीनों को सील किया जाए. आयोग को अगले 48 घंटे में कुछ और शिकायतें उपलब्ध कराएंगे.”
उनका कहना था कि चुनाव आयोग ने हमें आश्वासन दिया है कि वे इसपर संज्ञान लेंगे.
खेड़ा के अनुसार, आयोग ने बताया है कि वह विधानसभा वार हमें सभी शिकायतों के बारे में लिखित में जानकारी देगा.
हुड्डा ने कहा, ‘‘हरियाणा का नतीजा बहुत ही आश्चर्यचकित करने वाला है. सभी एजेंसियों के सर्वे में हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बन रही थी, लेकिन जो नतीजे आए, वो बेहद चौंकाने वाले हैं. हरियाणा के कई जिलों से शिकायतें आई हैं कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हुई है और बहुत सारी जगहों पर मतगणना में देरी हुई है. हमने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है.”
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदय भान ने कहा कि निर्वाचन आयोग को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने खुद कहा था कि हमने सारी व्यवस्थाएं पूरी कर ली हैं और हम सरकार बनाएंगे. इसलिए चुनाव में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम की 99 प्रतिशत बैट्री संदेह का कारण बन गईं हैं.”
उदय भान ने कहा, ‘‘हमने बहुत सारी विधानसभाओं में निर्वाचन अधिकारी की पर्चियों के मिलान की बात कही थी, जो नहीं की गईं. चुनाव आयोग को जनता के सामने इस बारे में बात रखनी चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.”
इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को अप्रत्याशित करार देते हुए बुधवार को कहा था कि अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को अवगत कराया जाएगा.
कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को ‘अप्रत्याशित’ और ‘लोक भावना के खिलाफ’ करार देते हुए मंगलवार को कहा था कि इस जनादेश को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि राज्य में ‘तंत्र की जीत और लोकतंत्र की हार’ हुई है.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने षड्यंत्र का आरोप भी लगाया था और दावा किया था कि तीन-चार जिलों से ईवीएम को लेकर शिकायतें आई हैं जिनसे मुख्य विपक्षी दल निर्वाचन आयोग को अवगत कराएगा.
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दावा किया था कि हिसार, महेंद्रगढ़ और पानीपत जिलों से ईवीएम को लेकर शिकायतें आई हैं तथा जिन ईवीएम की बैट्री 99 प्रतिशत चार्ज थी उनमें कांग्रेस उम्मीदवारों की हार हुई है, लेकिन जिनकी बैट्री 60-70 प्रतिशत चार्ज थी उनमें कांग्रेस की जीत हुई है.
इसी साल जून में लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के बीच हुई पहली बड़ी सीधी लड़ाई में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 48 सीट पर जीत दर्ज की जबकि 2019 में उसे 41 सीट मिली थी. कांग्रेस को 37 सीट पर संतोष करना पड़ा.
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