कुंदरकी सीट सपा विधायक ज़िया-उर-रहमान बर्क के सांसद बनने की वजह से ख़ाली हुई है.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सीट की सियासत में बात उस सीट की आज हम करेंगे जहां अल्पसंख्यक आबादी बहुसंख्यक है और बहुसंख्यक की आबादी अल्पसंख्यक में है. एक ऐसी सीट जहां 12 में से 11 प्रत्याशी मुस्लिम हैं और सिर्फ एक हिंदू मैदान में हैं. कौन सी ये सीट है, क्या यहां का माहौल है, क्या है समीकरण आइए जानते हैं.
मुरादाबाद की कुंदरकी सीट देश की उन चुनिंदा सीटों में है, जहां अल्पसंख्यक आबादी बहुसंख्यक है. दरअसल, कुंदरकी में लगभग 65 फ़ीसदी मुस्लिम आबादी है. यही वजह है कि बीजेपी को छोड़ बाक़ी 11 प्रत्याशी मुस्लिम समाज से हैं. बीजेपी इस समीकरण के भरोसे कुंदरकी जीतने का 31 साल पहले का इतिहास दोहराने की आस लगाए बैठी है, जिसमें वो मानती है कि मुस्लिम वोट बंटेंगे तो हिंदू वोटों के जुड़ाव से सीट निकाली जा सकती है.
कुंदरकी सीट सपा विधायक ज़िया-उर-रहमान बर्क के सांसद बनने की वजह से ख़ाली हुई है. इस उप-चुनाव में कुल 12 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें सपा से हाजी रिज़वान, बीजेपी से ठाकुर रामवीर सिंह और बीएसपी से रफ़तुल्लाह मैदान में हैं. इसके अलावा आज़ाद समाज पार्टी और एआईएमआईएम भी क़िस्मत आज़मा रहे हैं.
कुंदरकी सीट का क्या है समीकरण?
मुस्लिम मतों को भी साधना चाहती है बीजेपी
अगर मुस्लिम बंटा तभी बीजेपी की किस्मत का ताला खुल सकता है. शायद यही वजह है कि जब सपा, बीएसपी और एमआईएम ने मुस्लिम में भी तुर्क को टिकट दिया है तो ऐसे में बीजेपी हिंदू वोटों के अलावा कुछ मुस्लिम वोट हासिल करने की भी पुरज़ोर कोशिश कर रही है. शायद इसी लिए बीजेपी प्रत्याशी को जालीदार टोपी पहनना पड़ा और लोगों को खुदा की कसम दिलानी पड़ी.
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