तामिलनाडू के सीएम स्टालिन ने केंद्र सरकार से अपील की कि वे गवर्नर आरएन रवि को तुरंत हटा दें, क्योंकि उनके अनुसार वे ‘द्रविड़ एलर्जी’ से पीड़ित हैं.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन राज्यपाल पर भड़के हुए हैं. दरअसल, उन्होंने गवर्नर आरएन रवि पर आरोप लगाया कि वे हिंदी माह के समापन समारोह के दौरान ‘तमिल थाई वाझ्थु’ गायन से एक पंक्ति को जानबूझकर हटा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ‘द्रविड़’ शब्द का हटा दिया जाना तमिलनाडु और तमिल भाषा की बेइज्जती है. उन्होंने भड़कते हुए कहा कि राज्यपाल ने बेइज्जती की है, उन्हें तुरंत निष्काषित कर दिया जाए. वहीं जवाब में राज्यपाल आरएन रवि ने कहा है कि सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने नस्लवादी टिप्पणी की है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शुक्रवार को दूरदर्शन केंद्र चेन्नई के हिंदी माह समापन समारोह की निंदा की, जिसमें तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. वहीं, सत्तारूढ़ द्रमुक की छात्र शाखा ने केंद्र सरकार की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. स्टालिन ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि बहुभाषी राष्ट्र में गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी माह मनाना अन्य भाषाओं को नीचा दिखाने का प्रयास है.
स्टालिन ने की केंद्र से गवर्नर को हटाने की मांग
तामिलनाडू के सीएम स्टालिन ने केंद्र सरकार से अपील की कि वे गवर्नर आरएन रवि को तुरंत हटा दें, क्योंकि उनके अनुसार वे ‘द्रविड़ एलर्जी’ से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा, “तमिल थाई वाझ्थु में द्रविड़ शब्द को हटाना तमिलनाडु के कानून के खिलाफ है और यह देश की एकता और अलग-अलग जातियों के लोगों का अपमान है.”
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं चेन्नई दूरदर्शन के स्वर्ण जयंती समारोह के साथ हिंदी माह समापन समारोह मनाने की निंदा करता हूं. माननीय प्रधानमंत्री कार्यालय भारत का संविधान किसी भी भाषा को राष्ट्र भाषा का दर्जा नहीं देता.”
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मेरा सुझाव है कि गैर-हिंदी भाषी राज्यों में इस तरह के हिंदी-केंद्रित आयोजनों को टाला जाना चाहिए और इसके बजाय संबंधित राज्यों में स्थानीय भाषा माह के आयोजन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.”
द्रमुक की छात्र इकाई के सदस्य ‘डीडी (दूरदर्शन) तमिल’ कार्यालय के सामने एकत्र हुए, जहां राज्यपाल ने आज शाम समापन समारोह में भाग लिया. इकाई के अध्यक्ष आर राजीव गांधी ने कहा कि भाजपा नीत सरकार लगातार गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने के प्रयास में लगी हुई है.
गांधी ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह निंदनीय है. द्रमुक और राज्य के अधिकतर राजनीतिक दल तमिलनाडु पर हिंदी थोपने के कदम का विरोध कर रहे हैं. लेकिन, केंद्र केवल आग में घी डालने का काम कर रहा है.”
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