February 25, 2025
कैसे रिश्ते रखना चाहते हैं... बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को जयशंकर का सख्त संदेश

कैसे रिश्ते रखना चाहते हैं… बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को जयशंकर का सख्त संदेश​

जयशंकर ने कहा कि उन्हें इस बात पर अपना मन बनाना होगा कि वे नई दिल्ली के साथ किस तरह का रिश्ता रखना चाहते हैं. बांग्लादेश के साथ हमारा एक लंबा इतिहास है. बांग्लादेश के साथ हमारा एक बहुत ही विशेष इतिहास है, जो 1971 तक जाता है.

जयशंकर ने कहा कि उन्हें इस बात पर अपना मन बनाना होगा कि वे नई दिल्ली के साथ किस तरह का रिश्ता रखना चाहते हैं. बांग्लादेश के साथ हमारा एक लंबा इतिहास है. बांग्लादेश के साथ हमारा एक बहुत ही विशेष इतिहास है, जो 1971 तक जाता है.

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद भारत-बांग्लादेश रिश्ते प्रभावित हुए हैं. हसीना के शासनकाल में दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत थे. लेकिन अब यह संबंध पहले जैसे नहीं रहे. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश को एक सख्त संदेश दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि ढाका को यह तय करना होगा कि वह भारत के साथ कैसा रिश्ता रखना चाहता है.

कुछ बातें बिल्कुल हास्यास्पद हैं : जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश को अंतरिम सरकार के नेताओं द्वारा भारत के खिलाफ किए जा रहे कुछ “हास्यास्पद” दावों से बचना चाहिए. जयशंकर ने यह भी कहा है कि यदि अंतरिम सरकार में कोई व्यक्ति प्रतिदिन खड़ा होकर हर चीज के लिए भारत को दोषी ठहराता है. यदि आप रिपोर्ट देखें तो उनमें से कुछ बातें बिल्कुल हास्यास्पद हैं.

जयशंकर ने कहा कि उन्हें इस बात पर अपना मन बनाना होगा कि वे नई दिल्ली के साथ किस तरह का रिश्ता रखना चाहते हैं. बांग्लादेश के साथ हमारा एक लंबा इतिहास है. बांग्लादेश के साथ हमारा एक बहुत ही विशेष इतिहास है, जो 1971 तक जाता है.

‘सांप्रदायिक हमले एक प्रमुख चिंता’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में समस्याओं के दो मुख्य पहलुओं पर प्रकाश डाला है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों पर सांप्रदायिक हमले एक प्रमुख चिंता है, जो भारत के लिए बहुत परेशान करने वाली बात है. उन्होंने आगे कहा कि यह समस्या न केवल भारत की सोच को प्रभावित करती है, बल्कि यह ऐसी चीज है जिसके बारे में हमें बोलना चाहिए और जो हमने किया है.

जयशंकर ने बताया कि दूसरा पहलू यह है कि उनकी अपनी घरेलू राजनीति है – जिससे आप सहमत या असहमत हो सकते हैं. लेकिन अंततः हम उनके पड़ोसी हैं और उन्हें हमारे प्रति अपने दृष्टिकोण पर निर्णय लेना होगा.

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