March 2, 2025
कोलेस्ट्रॉल कम होने से घटता है ब्लैडर कैंसर फैलने का खतरा, स्टडी में सामने आई बड़ी बात

कोलेस्ट्रॉल कम होने से घटता है ब्लैडर कैंसर फैलने का खतरा, स्टडी में सामने आई बड़ी बात​

ब्लैडर कैंसर जानलेवा कैंसर में से एक है. इसके लक्षण यूरिन इन्फेक्शन की तरह लगते हैं. एक नए शोध में सामने आया है कि कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने से इस कैंसर के फैलने का खतरा कम होता है.

ब्लैडर कैंसर जानलेवा कैंसर में से एक है. इसके लक्षण यूरिन इन्फेक्शन की तरह लगते हैं. एक नए शोध में सामने आया है कि कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने से इस कैंसर के फैलने का खतरा कम होता है.

Bladder Cancer: ब्लैडर कैंसर यानी मूत्राशय का कैंसर तेजी से शरीर में फैलता है. यह जानलेवा कैंसर है. इस कैंसर के शुरुआती लक्षण यूरिन इंफेक्‍शन की तरह होते हैं. इसलिए कई मामलों में इस कैंसर के होने का पता ही नहीं चलता. जब तक इसका पता चलता है कि ये काफी देर हो चुकी होती है. हाल ही में इस कैंसर पर हुए एक शोध में पता चलता है कि अगर शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो तो इसके फैलने का खतरा कम होता है. इस लेख में जानें नए शोध के क्‍या हैं नतीजे और मूत्राशय कैंसर के लक्षण व बचाव.

ब्लैडर कैंसर के लक्षण (Symptoms of Bladder Cancer)

ब्लैडर कैंसर के कई शुरुआती लक्षण हैं. डॉक्टर कहते हैं कि इसके शुरुआती लक्षणों में पेशाब में खून आना मुख्य है. पेशाब का रंग बदल सकता है. पेशाब का रंग लाल या भूरा जैसा दिख सकता है. बार-बार पेशाब आना और पेशाब करते हुए जलन होना, कमर के निचले हिस्से में दर्द होना अन्य लक्षण हैं. इसके अलावा बहुत अधिक थकान होना, हड्डियों में दर्द होना, भूख न लगना जैसे लक्षणों को भी इग्नोर नहीं करना चाहिए.

एसिडिटी से तुरंत राहत के लिए आजमाएं ये घरेलू नुस्खा, बिना दवा के शांत होगी पेट की जलन?

कैसे फैलता है ब्लैडर कैंसर

ब्लैडर में पेशाब जमा होता है. यहीं से पेशाब निकलता है. शरीर के टॉक्सिन पेशाब के जरिए निकलते हैं. पेशाब में जो अपशिष्ट होते हैं, वे ब्लैडर में जमा होते जाते हैं. अगर यह तत्व पेशाब के साथ बाहर ना निकले तो ब्लैडर, किडनी, पेशाब की नली को डैमेज करते हैं. आम तौर पर ब्लैडर में कैंसर यूरोथेलियल सेल्स में शुरू होता है. ये ऐसी सेल्स हैं जो किडनी और पेशाब की नली में भी होती हैं और ब्लैडर से जुड़ी होती हैं. जब यह कैंसर फैलता है तो किडनी और पेशाब की नली में भी पहुंच जाता है.

शोध के नतीजे

हाल ही में हुए एक शोध में कहा गया है कि कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली कुछ नॉन-स्टैटिन दवाएं इस कैंसर का खतरा कम कर सकती हैं. इस शोध के नतीजे जर्नल कैंसर डिस्‍कवरी में छपे हैं. इसमें कहा गया है कि कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने के लिए जिस दवाओं का प्रयोग किया जाता है, वो दवाएं कैंसर सेल्स और ट्यूमर ग्रोथ को रोकने में मददगार हैं. इस शोध में प्रोटीन PIN1 पर फोकस किया गया है, जो कैंसर के फैलाव को रोकता है. पहले कई शोधों में भी यह सामने आया है कि इस प्रोटीन के कारण कैंसर आगे नहीं बढ़ पाता. इस प्रोटीन का इस्तेमाल कोलेस्ट्रॉल स्तर नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. यह शोध कोलेस्ट्रॉल कम करने और ब्लैडर कैंसर की रोकथाम के लिए दिए उपायों में एक नया आयाम जोड़ता है.

Watch Video: कैंसर क्यों होता है? कैसे ठीक होगा? कितने समय में पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं?

NDTV India – Latest

Copyright © asianownews.com | Newsever by AF themes.