December 27, 2024
क्या आपको पता है सिजोफ्रेनिया की बीमारी क्या होती है? जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

क्या आपको पता है सिजोफ्रेनिया की बीमारी क्या होती है? जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय​

Schizophrenia Kya Hai: सिजोफ्रेनिया एक मानसिक बीमारी है. कई बार लोग इसका गलत मतलब निकाल लेते हैं. इसलिए इस लेख में हम आपके लिए लाए हैं इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी. ये बीमारी किन कारणों से होती है और इस बीमारी के लक्षण क्‍या हैं.

Schizophrenia Kya Hai: सिजोफ्रेनिया एक मानसिक बीमारी है. कई बार लोग इसका गलत मतलब निकाल लेते हैं. इसलिए इस लेख में हम आपके लिए लाए हैं इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी. ये बीमारी किन कारणों से होती है और इस बीमारी के लक्षण क्‍या हैं.

What Is Schizophrenia?: सिजोफ्रेनिया एक मानसिक बीमारी है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को लेकर समाज में कई तरह की बातें शुरू हो जाती हैं, जबकि उन्हें सपोर्ट की जरूरत होती है. इसलिए इस लेख में जानें सिजोफ्रेनिया बीमारी के बारे में हर वो जानकारी, जिसे जानकर आपके मन में इसे लेकर कोई संशय नहीं रहेगा. हर तरह की गलतफहमी दूर हो जाएगी. अगर किसी तरह की गलत धारणा बन रही है तो वह भी दूर हो जाएगी. यह बीमारी भी आम बीमारियों की ही तरह होती है और मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है. बस उसे जरूरत होती है समाज व परिवार के सहयोग की.

यह भी पढ़ें:छाती में जमा बलगम सब हो जाएगा साफ, बस दिन दो बार पी लीजिए इस चीज का काढ़ा

क्या है सिजोफ्रेनिया?

सिजोफ्रेनिया एक मानसिक बीमारी है. इसमें व्यक्ति को निरंतर अंतराल पर दौरे पड़ सकते हैं. यह कई तरह की हो सकती है. जैसे पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया में व्यक्ति को संदेह या भ्रम की स्थिति हो सकती है.

भ्रम होने से व्यक्ति वही करता है जो उसे ठीक लगता है. जबकि सामान्य लोगों को उनका व्यवहार बहुत अजीब लगता है. कैटेटोनिक सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति भावनाएं विहीन हो जाता है. वह दिन-प्रतिदिन के काम नहीं कर पाता. खाना-पीना आदि तक की सुध नहीं रहती. मरीज अप्रत्याशित व्यवहार कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें:एक महीने तक रोजाना खाली पेट सेब खाने से क्या होगा? अगर आप जान जाएंगे तो खाये बिना नहीं रहेंगे

सिजोफ्रेनिया के लक्षण

किसी बात को समझने में परेशानी होने लगती है. भ्रम की स्थिति बनी रह सकती है. ऐसे लोग अपनी ही दुनिया में खोए रहते हैं. कुछ चीजें उन्हें दिखती हैं या महसूस होती हैं, जो वास्तव में होती ही नहीं. ऐसे लोग अप्रत्याशित व्यवहार कर सकते हैं. अचानक चलने लगना, या किसी के ना होने पर भी बात करना, कहीं चले जाना, एक जगह से ना हिलना आदि ऐसे बदलाव हैं जो उनके व्यवहार में दिख सकते हैं.

ऐसे लोग इस तरह से बात कर सकते हैं जो किसी के समझ में ना आ रही हों. ये लोग अकेले में रहना पसंद करने लगते हैं. इन्हें भीड़-भाड़ से घबराहट होने लगती है. डिप्रेशन में रहना, किसी काम को करने में मन ना लगना. बोलने में दिक्कत होना.

सिजोफ्रेनिया के कारण

सिजोफ्रेनिया होने का प्रमुख कारण आनुवंशिक माना गया है. इसके अलावा न्यूरोलॉजिकल कारण हो सकते हैं. कुछ शोधों में यह सामने आया है कि ज्यादा नशा करने वाले लोगों को यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है.

यह भी पढ़ें:हाई यूरिक एसिड से हैं परेशान, तो अदरक के रस में ये चीज मिलाकर पीने से मिल सकता है Uric Acid से छुटकारा

सिजोफ्रेनिया का इलाज

डॉक्टर खास लक्षणों के आधार पर इस बीमारी की पहचान करते हैं. इसके आधार पर दवाओं की मदद से इसका इलाज शुरू किया जाता है. इस रोग के मरीज को जीवन पर्यंत इलाज की जरूरत होती है. जरूरत पड़े तो मेंटल हेल्थ सेंटर में मरीज को भेजा जाता है. परिवार और समाज का सहयोग इस रोग की रोकथाम में सहायक होता है.

डॉक्टर कई बार मरीज को विभिन्न तरह की थेरेपी देते हैं जिससे मरीज की स्थिति बेहतर होती देखी गई है और वे दिन-प्रतिदिन के काम सुचारू रूप से करना आरंभ कर देते हैं. डॉक्‍टर्स का कहना है कि इस बीमारी को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता, दवाओं की मदद से इसकी गंभीरता को कम किया जा सकता है और मरीज की स्थिति बेहतर की जा सकती है.

Watch Video: किन लोगों को होती है फैटी लिवर की बीमारी? डॉक्टर सरीन से जानिए…

NDTV India – Latest

Copyright © asianownews.com | Newsever by AF themes.