व्हाइट फॉस्फोरस एक ज्वलनशील रसायन है जो हवा के संपर्क में आने पर इग्नाइट हो जाता है और इसके कॉन्टेक्ट में आने वाले लोगों या चीजों को गंभीर रूप से जला सकता है.
ईरान ने हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह की मौत का बदला लेने के लिए मंगलवार को इजरायल पर हमला किया था, जिसके बाद इजरायल ने ईरान को कहा था कि उसे इसकी कीमत चुकानी होगी. इसी बीच बुधवार को इजरायल ने लेबनान की राजधारी बेरूत पर एयर स्ट्राइक कर दिया. जानकारी के मुताबि बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में इजरायल ने 17 हमले किए हैं.
इजरायल के इस भीषण हमले के बाद एक इमारत में आग लग गई. एक फुटेज भी सामने आया है जिसमें इमारत से काला धुंआ उठते हुए दिखाई दे रहा है. ऑनलाइन वायरल हो रहे कुछ हमलों के वीडियो फुटेज के बाद इजरायल पर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं कि वो फॉस्फोरस हथियारों का इस्तेमाल करता है.
क्या होता है फॉस्फोरस बम?
व्हाइट फॉस्फोरस एक ज्वलनशील रसायन है जो हवा के संपर्क में आने पर इग्नाइट हो जाता है और इसके कॉन्टेक्ट में आने वाले लोगों या चीजों को गंभीर रूप से जला सकता है. व्हाइट फॉस्फोरस के धुएं में सांस लेने से सांस से संबंधित परेशानी हो सकती है या फिर दम घुटने की दिक्कत हो सकती है. साथ ही यह रसायन इतना खतरनाक है कि इससे त्वचा को दूसरे और तीसरे दर्जे की जलन पहुंच सकती है.
व्हाइट फॉस्फोरस का इस्तेमाल करना है प्रतिबंधित
अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में एयरबर्स्ट व्हाइट फॉस्फोरस का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है, क्योंकि यह हथियार नागरिकों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है. ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) के अनुसार, जून में इजरायली बलों ने दक्षिणी लेबनान के अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में अवैध रूप से व्हाइट फॉस्फोरस बम गिराए थे.
क्या कहती है एचआरडब्ल्यू की रिपोर्ट?
एचआरडब्ल्यू की रिपोर्ट में कहा गया है, “दक्षिण लेबनान में इजरायल द्वारा व्हाइट फॉस्फोरस का व्यापक उपयोग आग लगाने वाले हथियारों पर मजबूत अंतर्राष्ट्रीय कानून की जरूरत को दर्शाता है.” इससे पहले पिछले अक्टूबर में अन्य हमले हुए थे, “जब एचआरडब्ल्यू ने गाजा और इजरायल-लेबनानी सीमा के पास दो ग्रामीण क्षेत्रों में इजरायली बलों द्वारा हथियार के इस्तेमाल को डोक्यूमेंट किया था”.
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