फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा कि समर्थन के लिए निर्वाचित निर्दलीय विधायकों से संपर्क करने में कोई समस्या नहीं है. लेकिन मैं उनके सामने भीख नहीं मांगूंगा.
चुनावी नतीजों से पहले ही जम्मू-कश्मीर की सियासत गरमा गई है. वजह है फारूक अब्दुल्ला का एक बयान. नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने के लिए महबूबा मुफ्ती की पार्टी का समर्थन लेने पर विचार को लेकर तैयार है. उन्होंने कहा बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए पीडीपी से समर्थन लिया जा सकता है. इससे क्या फर्क पड़ता है. अगर हम सभी एक ही चीज के लिए काम करें, राज्य के लोगों की स्थिति में सुधार के लिए. मुझे यकीन है कि कांग्रेस को भी आपत्ति नहीं होगी.
फारूक अब्दुल्ला ने अपने गठबंधन के चुनाव जीतने पर CM पद पर दावा करने की किसी भी संभावना से इनकार किया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैं मुख्यमंत्री नहीं बनूंगा. मैंने अपना काम कर दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें समर्थन के लिए निर्वाचित निर्दलीय विधायकों से संपर्क करने में कोई समस्या नहीं है. लेकिन मैं उनके सामने भीख नहीं मांगूंगा. अगर उन्हें लगता है कि वे राज्य को मजबूत कर सकते हैं, तो स्वागत है. बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस इंडिया ब्लॉक के तहत गठबंधन में हैं.
चुनाव से पहले पीडीपी को भी गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था. लेकिन सीट-बंटवारे पर समझौता नहीं हो सका. इसके कारण पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रही है.
फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 5 आरक्षित सीटों पर सदस्यों को नामित करने का अधिकार उपराज्यपाल को देने के कदम की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी नीत केंद्र सरकार इस पर आगे बढ़ती है तो उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.
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