सुंदरता या खूबसूरती, इसका कोई यूनिवर्सल स्टैंडर्ड नहीं है. ये केवल नजरिए और निजी पसंद की बात है. सुंदरता महज़ एक व्यक्तिगत राय है.
आपने अक्सर लोगों को ये कहते सुना होगा कि Beauty without a Brain is Nothing ! सुनने में काफी अच्छा लगता है. इसका सीधा अर्थ है – अगर किसी इंसान के पास सिर्फ सुंदरता है लेकिन दिमाग यानी Intelligence (बुद्धिमत्ता) नहीं है तो वो व्यर्थ है. ये वाक्य इस बात को भी दिखाता है कि किसी इंसान की काबिलियत सबसे अहम है. जो कहीं न कहीं सत्य भी है. क्योंकि इसमें दो राय नहीं है. सौंदर्य सब कुछ नहीं हो सकता। ये तो महज़ एक गुण है जो किसी के हाथ में नहीं! कुछ लोग स्वाभाविक रूप से सुंदर होते हैं, कुछ लोग अपने मेहनत और देखभाल से खुद को आकर्षक बनाते हैं. लेकिन सवाल ये है कि ये जो ब्यूटी है, इसे मापने का पैमाना है क्या ? सौंदर्य की कोई एक परिभाषा नहीं होती। ये पूरी तरह से व्यक्तिगत और कुछ सामाजिक धारणाओं पर निर्भर करता है. मिसाल के तौर पर अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में गोरी त्वचा को सुंदरता का प्रतीक माना जाता है जबकि अफ्रीका जैसे देशों में गहरी त्वचा वाले लोग भी उतने ही आकर्षक माने जाते हैं. क्या नाइजीरिया या घाना के ‘काले रंग’ के लोग या महिलाएं सुंदर नहीं हैं? ऐसा कहना उनकी पहचान का अपमान होगा.
सुंदरता या खूबसूरती, इसका कोई यूनिवर्सल स्टैंडर्ड नहीं है. ये केवल नजरिए और निजी पसंद की बात है. सुंदरता महज़ एक व्यक्तिगत राय है. हो सकता है जिसे आप सुंदर मानते हो सकता है कि कोई और उसे सामान्य समझें. अगर कोई गोरा है और मेकअप करता है, तो उसे सुंदर कहा जाता है। लेकिन अगर कोई सांवला है और मेकअप नहीं करता? तो क्या वो सुंदर नहीं है?
Beauty without a Brain is Nothing ये बात उतनी ही सत्य है जितनी Money Can’t Buy Happiness… यानी पैसा खुशी नहीं खरीद सकता. आइए इस तर्क का खंडन करें ! ये तर्क कि अगर कोई सुंदर है तो उसे बुद्धिमान भी होना चाहिए। ये सोच पूरी तरह से अनुचित है। क्या आप किसी बुद्धिमान व्यक्ति से यह उम्मीद करते हैं कि वह हमेशा सुंदर भी हो ? अगर नहीं, तो एक सुंदर व्यक्ति से यह उम्मीद क्यों??? हर इंसान में अलग-अलग हुनर, कुशलता, पात्रता, स्किल होते हैं. मिसाल के तौर पर कोई अच्छा लेखक हो सकता है लेकिन वो कवि भी हो ये जरूरी नहीं. जो बच्चा स्पोर्ट्स में अच्छा हो, हो सकता है कि वो पढ़ाई-लिखाई में कमज़ोर हो. ये तो सामान्य सच्चाई है कि हर इंसान में हर गुण नहीं हो सकता. ये ही वो चीज़ है जो एक इंसान को बाकियों से अलग बनाती है.
किसी को किसी की कमी के आधार पर जज करने से कई गुना बेहतर है की उनके अंदर की खासियत का सम्मान किया जाए. सुंदरता और Intelligence (बुद्धिमत्ता) दो अलग-अलग गुण हैं. किसी के पास सुंदरता है, तो यह उसका प्लस पॉइंट है. और अगर उसके पास बुद्धिमत्ता भी है, तो ये तो सोने पर सुहागा है. अब सुंदरता प्लस पॉइंट कैसे है? इस पर भी कुछ जानते हैं.
क्या आप जानते हैं कि ब्यूटी इंडस्ट्री का कारोबार किस तरह से दुनिया भर में फल-फूल रहा है? अकेले भारत की बात की जाए तो खूबसूरती का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. साल 2025 तक अकेले भारत की ब्यूटी प्रॉटक्स से जुड़ी इंडस्ट्री का कारोबार 30 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. अब लोग अपने रूप-रंग को लेकर जागरूक हैं और अपनी देखभाल के लिए समय और पैसा खर्च करने से हिचकिचाते नहीं हैं। आज Beauty Industry देश दुनिया के लोगों को Business का मौका दे रहा है. जिसके बारे में आज से 50 साल पहले किसी की कल्पना भी नहीं पहुंची होगी.
कई इंडस्ट्रीज ऐसी हैं जहां सौंदर्य एक अहम भूमिका निभाता है. मॉडलिंग और फैशन इंडस्ट्री अक्सर उन चेहरों को तलाशती है जो ब्रांड्स को रिप्रेजेंट कर सकें. एक सुंदर चेहरा यहां आगे बढ़ने का मुख्य हिस्सा है।. हॉस्पिटैलिटी और एयरलाइन इंडस्ट्री जैसे प्रफेशनमें भी व्यक्तित्व समेत सौंदर्य का महत्व है. एक अच्छा डांसर बनने के लिए अपनी शारीरिक सुंदरता पर काम करना पड़ता है.
सुंदरता का असली मतलब केवल बाहरी दिखावे तक सीमित नहीं है। असली सुंदरता वह है जो एक इंसान के अंदर होती है. उसका काम, उसकी काबिलियत, उसकी सोच, Kindness, Creativity, प्यार- ये इंसान को सुंदर बनाते हैं. मदर टेरेसा की सुंदरता क्या उनके चेहरे में थी? नहीं ! दिखने में वे बेहद साधारण महिला थीं लेकिन उनकी इंसानियत ने दुनिया के आगे मिसाल पेश की. दूसरों के लिए प्यार, बच्चों के लिए स्नेह, सब की मदद, इसी काबिलियत ने उन्हें असाधारण बना दिया. अब्दुल कलाम जिन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा जाता था, उन्हें देखिए! साधरण सी वेशभूषा में रहने वाले, अपनी विचारधारा और शिक्षा और आदर्शों के लिए जानते जाते हैं. तो अगली बार जब आप सौंदर्य की बात करें, तो याद रखें कि असली सुंदरता चेहरे पर नहीं, दिल में होती है.
अमीषा NDTV में ट्रेनी सब एडिटर हैं
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.
NDTV India – Latest
More Stories
Exclusive: क्या भारत के लिए संजीवनी साबित होगा ‘वन नेशन वन इलेक्शन’, अर्थशास्त्र के शिल्पकारों से समझिए
गाजा युद्धविराम समझौते पर मतदान के लिए बुलाई गई इजरायली कैबिनेट की बैठक
आठवें वेतन आयोग की मंजूरी के बाद गठन की कवायद तेज, सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में खुशी; जानें कब से मिलेंगे बढ़े वेतन