जामनगर के म्युनिसिपल कमिश्नर दिनेश मोदी ने कहा कि जलजमाव की वजह से गंदगी काफी फैल गई है. हम उसे तेजी से रास्तों से हटा रहे हैं, ताकि शहर जल्द से जल्द साफ हो सके.
गुजरात में पिछले कुछ दिनों से बारिश कम होने के बाद अब कई शहरों की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है. जामनगर में लगातार हुई बारिश के बाद जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था. कई जगहों पर 5 से 8 फीट तक पानी भर गया था. अब पानी उतरा है तो सड़क और रास्ते गंदगी से पटे पड़े हैं. सरकार के सामने अब जल्द से जल्द इसको साफ कराने की चुनौतियां हैं, ताकि किसी तरह की बीमारी ना फैले. इसी को लेकर स्थानीय नगर निगम का अमला बड़े पैमाने पर सफ़ाई अभियान में जुट गया है.
प्रदेश में भारी बारिश से 140 जलाशय और 24 नदियां उफान पर थी. नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. बारिश और जलजमाव के कारण कई इलाकों में यातायात और रेलगाड़ियों की आवाजाही भी बाधित थी. जलस्तर बढ़ने से कई दिनों तक प्रशासन हाई अलर्ट पर था. अब इन स्थितियों में सुधार होती दिखाई दे रही है.
जामनगर में पानी के बाद अब रास्तों पर उससे बहकर आए कचरों का कब्जा है, जिसे नगर निगम के कर्मी अब तेजी से हटा रहे हैं, ताकि जनजीवन जल्द से जल्द सामान्य हो सके.
जामनगर के कॉर्पोरेटर पार्थ जेठवा ने बताया कि जब नदी का पानी हमारे रिहायशी इलाके में आया था तब 8 से 10 फुट तक यहां पानी बह रहा था. उस वक्त भी जरूरतमंदों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया था. अब पानी उतरने के बाद नगर निगम की टीम युद्ध स्तर पर सफाई में जुट गई है.
वहीं जामनगर के म्युनिसिपल कमिश्नर दिनेश मोदी ने कहा कि जलजमाव की वजह से गंदगी काफी फैल गई है. हम उसे तेजी से रास्तों से हटा रहे हैं, ताकि शहर जल्द से जल्द साफ हो सके.
बाढ़ प्रभावित लोगों को कई संस्थाएं और एनजीओ खाना और पीने का पानी मुहैया करा रहे हैं. साथ ही कुछ जगहों पर कम्यूनिटी किचन भी बनाया गया है, जहां रोजाना सैकड़ों प्रभावित लोगों को खाना खिलाया जाता है.
कम्यूनिटी किचन के संचालक ने बताया कि बाढ़ आने के बाद से ही हमने लोगों के लिए यहां खाना बनाना शुरू कर दिया था. रोजाना करीब 6 से 7 हजार लोगों का खाना बनता है. वहीं अब तक हम करीब 45 हजार लोगों को खाना मुहैया करा चुके हैं. यहां से ले जाकर भी प्रभावित इलाकों में खाना बांटा जाता है.
गुजरात के कई इलाके खासकर कच्छ एरिया में भारी बारिश से जलजमाव और बाढ़ के बाद लोग प्रभावित हुए हैं. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के प्रभावित सभी इलाकों में खाना, पानी और दवाई का प्रबंध करने और लोगों तक मेडिकल सुविधाएं पहुंचाने के निर्देश के तहत लाखों लोगों तक मदद पहुंचाई गई है.
जामनगर में कई दिनों की लगातार बारिश ने कहर बरपा हुआ था. इससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया था.कई घरों में पानी घुस गया तो कई जगहों पर सड़कें डूब गई. इसकी वजह से एक शहर से दूसरे शहर जाने का रास्ता भी पूरी तरह से ठप हो गया था.
गंभीर परिस्थितियों में फंसे लोगों को बचाने के लिए वायु सेना के हेलिकॉप्टरों तक का इस्तेमाल किया गया था.
NDTV India – Latest
More Stories
दिल्ली में सांसों का संघर्ष… हवा फिर हुई ‘जहरीली’, AQI 400 के पार
हिना खान ने बिग बॉस 18 में रिश्तों की खोली सच्चाई, इन दो कंटेस्टेंट की फ्रेंडशिप को बताया ‘मतलब की दोस्ती’
दिल्ली पुलिस सिपाही हत्याकांड केस : संगम विहार में हुई मुठभेड़ में मारा गया बदमाश रॉकी