March 24, 2025
गुस्से को कैसे कंट्रोल करें? गुस्सा करने के हैं कई नुकसान, जान लें बार बार गुस्सा क्यों आता है और गुस्से को शांत करने के उपाय

गुस्से को कैसे कंट्रोल करें? गुस्सा करने के हैं कई नुकसान, जान लें बार-बार गुस्सा क्यों आता है और गुस्से को शांत करने के उपाय​

Mental health: मन में दबा गुस्सा धीरे धीरे जमा होने लगता है और इसका असर मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर होने लगता है. गुस्सा को दबा कर रखने की जगह हमें इसे सही तरीके से निकालना आना चाहिए.

Mental health: मन में दबा गुस्सा धीरे धीरे जमा होने लगता है और इसका असर मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर होने लगता है. गुस्सा को दबा कर रखने की जगह हमें इसे सही तरीके से निकालना आना चाहिए.

Anger Management: नाराजगी और गुस्सा (Anger) ह्यूमन नेचर में शामिल हैं. हर व्यक्ति को कभी-कभी गुस्सा आता है, लेकिन अक्सर हम गुस्से को जाहिर करने की जगह उसे दबा (Suppressed anger) लेते हैं. बचपन से हमें सिखाया जाता है कि गुस्सा जाहिर करना और आक्रामक होना अच्छी बात नहीं है. मन में दबा गुस्सा धीरे धीरे जमा होने लगता है और इसका असर मेंटल (Mental health) और फिजिकल हेल्थ पर होने लगता है. गुस्सा को दबा कर रखने की जगह हमें इसे सही तरीके से निकालना आना चाहिए. आइए जानते हैं लोग गुस्से को क्यो मन में रखते हैं और कैसे हेल्दी तरीके से गुस्से को मन से निकाला जा सकता है….

बार-बार गुस्सा क्यों आता है (Baar-baar Gussa Kyu Aata Hai)

सोशल कंडीशनिंग (social conditioning)

हमें बचपन से ही गुस्से को दबाना सिखाया जाता है. बच्चे अक्सर अपने आसपास बड़ों को गुस्सा दबाते देखते हैं और उसी तरह का व्यवहार करना सीख जाते हैं. घर में पेरेंट को गुस्सा जाहिर नहीं करते और गुस्से को ऐसी चीज समझना जिसे सबसे लाना ठीक नहीं है, को देखते हुए बच्चे बड़े होते हैं और ऐसा करना सीख जाते हैं.

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गुस्से के नतीजों का डर (Fear of consequences)

लोगों को डर होता है कि खुले तौर पर गुस्सा प्रकट करने से रिलेशन खराब हो सकते हैं. यहां तक कि प्रोफेशनल तौर पर भी गुस्से को प्रकट करना करियर बिगाड़ने वाला माना जाता है. अधिकतर लोग माहौल बिगड़ने के डर से गुस्से को प्रकट नहीं करते हैं.

गुस्सा दबाने के लक्षण (Physical symptoms of suppressed anger)

लंबे समय तक गुस्सा दबा कर रखने से तनाव बढ़ता है. इससे बॉडी में कोर्टिसाल का स्तर बढ़ जाता है जिसका खराब असर मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर होता है. यह सिर दर्द, माइग्रेशन या बॉडी पेन के रूप में सामने आ सकता है. लंबे समय तक गुस्से को मन में रखने का असर कार्डियोवस्कुलर हेल्थ पर पड़ सकता है.

गुस्सा निकालने के हेल्दी तरीके (Healthy ways to release anger)

बातचीत करना

बातचीत करने से एक दूसरे की भावनाओं को समझने में मदद मिलती है और मन में चल रहा तनाव कम हो जाता है. यह बगैर आक्रामक हुए भावनाओं को प्रकट करने का बेहतर माध्यम है.

फिजिकल एक्टिविटी

नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी मन में जमे गुस्से और नारजगी की भावनाओं को रिलीज करने का सबसे अच्छा तरीका है. एक्सरसाइज करने से बॉडी में इंडोमार्फिन रिलीज होता है जिससे मूड बेहतर होता है.

मेडिटेरशन

मेडिटेशन करने से मन शांत होता है और मन के अंदर चल रहे नकारात्मक बातों से मुक्ति मिलती है. नियमित रूप से मेडिटेशन करने से नकारात्मक बातें मन में घर नहीं बना पाती हैं.

लिखना

अपने मन में चल रही नाराजगी और गुस्से की भावना को लिखने से वह बातें परेशान करना बंद कर देती हैं. ऐसे में जब भी मन में गुस्सा और नाराजगी की भावनाएं हो तो उन्हें लिखकर जाहिर कर दें.

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