महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि नागपुर में हुई हिंसा साजिश प्रतीत होती है.
औरंगजेब की कब्र से पनपे विवाद ने नागपुर में हिंसा का रूप ले लिया. जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त कर दी गई है. पुलिस ने इलाके में फ्लैग मार्च किया है आरोपियों की पहचान की जा रही है. शांति बहाल करने के लिए रूट मार्च किया जा रहा है. एहतियात के तौर पर सोशल मीडिया की भी मॉनिटरिंग की जा रही है, ताकि कोई भी माहौल को ना बिगाड़ सकें. मध्य नागपुर में सोमवार को भड़की हिंसा के बाद पूरे शहर में तनाव का माहौल है. उपद्रवियों ने गाड़ियों को तोड़ा, पत्थरबाजी की, आगजनी की और पुलिस पर भी हमले किए. हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है और सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है.

आखिर कैसे भड़की हिंसा
यह सब तब शुरू हुआ जब एक दक्षिणपंथी संगठन ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान धार्मिक ग्रंथ जलाए जाने की अफवाह फैल गई, जिसने आग में घी डालने का काम किया.देखते ही देखते मध्य नागपुर के इलाकों में भीड़ सड़कों पर उतर आई. कुछ लोगों ने पेट्रोल की बोतलें, लाठियां और पत्थरों के साथ हमला शुरू कर दिया. हिंसा के बारे में बताते हुए एक स्थानीय निवासी ने कहा, “उपद्रवियों ने दरवाजे पर लातें मारीं, गाड़ियां तोड़ीं और खिड़कियों पर पत्थर फेंके. हम डर के मारे घर में छिपे रहे.
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लोगों ने बताया कि अगर हमारे हिंदुत्ववादी लोग नहीं आते तो क्या होता मालूम नहीं. 100 के आसपास होंगे, जो कि बड़ा वाला नाला है वो वहां से आए थे और कुछ लोग सामने से रास्ते से आए थे और उनके पास बड़ी-बड़ी लकड़ियां थी और पत्थर थे बहुत सारे और पेट्रोल की बोतल भी थी. उन्होंने आकर दरवाजों में जोर से लात मारी, वो बहुत देर तक लात मारते रहे ताकि घरों का दरवाजा खुल जाए और गाड़ी भी तोड़ी. यहां तक कि खिड़की से कांच और पत्थर दोनों फेंकें.

पुलिस का एक्शन: 50 से ज्यादा हिरासत में
नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंघल ने बताया कि हिंसा के बाद पुलिस ने तुरंत कदम उठाया. अब तक करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है और पांच अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. सिंघल ने कहा, “हम हर उस शख्स पर कार्रवाई कर रहे हैं जो इस हिंसा में शामिल था. घटना के सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई जारी रहेगी.” पुलिस फ्लैग मार्च और रूट मार्च कर रही है ताकि शांति बहाल हो सके.
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कर्फ्यू और सुरक्षा के कड़े इंतिजाम
हिंसा के बाद नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. पुलिस ने फिक्स पॉइंट्स तैनात किए हैं और कुछ इलाकों को नो-ट्रैफिक जोन घोषित किया है. सोशल मीडिया पर भी बेहद ही करीबी नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी तरह की कोई भी अफवाहें न फैलें. पुलिस आयुक्त ने कहा, “हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाए या दूसरों को परेशान न करे.”

सियासी घमासान और साजिश का शक
महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने इस हिंसा को सुनियोजित बताया. पुलिस आयुक्त ने कहा, “हम जांच कर रहे हैं कि यह हिंसा कैसे और किन लोगों ने भड़काई. इस हिंसा से जुड़े तमाम सबूत जुटाए जा रहे हैं.” कर्फ्यू कब तक रहेगा, यह हालात का आकलन करने के बाद तय किया जाएगा.

उपद्रव की दिल दहलाने वाली तस्वीरें
हिंसा की नागपुर से जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए वो बेहद डरावने हैं. उपद्रवियों ने दोपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया, रास्ते में खड़ी गाड़ियों को तोड़ा और लाठी-डंडों से जमकर उत्पात मचाया. पत्थरबाजी से इलाके में हाहाकार मच गया. पुलिस ने उपद्रवियों को खदेड़ने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान पुलिसकर्मियों पर भी हमले हुए. ये तस्वीरें हर किसी के दिल को झकझोर देने वाली हैं.
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