November 27, 2024
चंडीगढ़ में गाय के गोबर से बनाए जाते हैं दीये, दिवाली पर होता है निशुल्‍क वितरण

चंडीगढ़ में गाय के गोबर से बनाए जाते हैं दीये, दिवाली पर होता है निशुल्‍क वितरण​

चंडीगढ़ में एक गौशाला गाय के गोबर से बने दीयों को उपलब्‍ध करवा रही है. हर साल गौशाला की ओर से करीब एक लाख दीयों का निशुल्‍क वितरण किया जाता है.

चंडीगढ़ में एक गौशाला गाय के गोबर से बने दीयों को उपलब्‍ध करवा रही है. हर साल गौशाला की ओर से करीब एक लाख दीयों का निशुल्‍क वितरण किया जाता है.

देश में दिवाली (Diwali 2024) का त्‍योहार आस्था और विश्वास के साथ मनाया जाता है. हर साल लोग इस अवसर पर अपने घरों को सजाते हैं और दिये जलाकर पूरे घर को रोशन करते हैं. चंडीगढ़ में एक गौशाला अपनी ओर से लोगों को गाय के गोबर से बने दीये उपलब्‍ध करवा रही है. हर साल गौशाला की ओर से करीब एक लाख दीयों का निशुल्‍क वितरण किया जाता है.

दीयों में मिलाई जाती है हवन सामग्री

चंडीगढ़ के सेक्‍टर-45 स्थित गौशाला में कई लोग गाय के गोबर से दीये बनाने में जुटे हैं. इन दीयों में सिर्फ यही एक खासियत नहीं है. गौशाला प्रबंधन के मुताबिक, गाय के गोबर से बनने वाले इन दीयों में हवन सामग्री भी मिलाई जाती है. इस तरह से यह दीये न सिर्फ दियों का काम करेंगे, बल्कि यह हवन का भी काम करेंगे.

10 साल से दियों का निर्माण कर रही गौशाला

दियो के निर्माण के लिए गौशाला में जोर-शोर से निर्माण कार्य किया जा रहा है. कई लोग इस कार्य में जुटे हुए हैं. दीयों को बनाने के बाद इन्‍हें धूप में सुखाया जाता है.

गौशाला प्रबंधन की ओर से करीब 10 सालों से इस तरह के दियों का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही करीब एक लाख दीयों का हर साल निशुक्‍ल वितरित किया जाता है.

भौतिकवाद के इस युग में लोगों को अपनी सभ्‍यता और संस्कृति से रूबरू कराने के लिए गौशाला की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है. बहुत से लोग परंपरागत दियों के बजाय आजकल फैंसी लाइट जलाकर ही दिवाली का त्‍योहार मना लेते हैं.

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