मशहूर कव्वाली गायक नुसरत फतेह अली खान चाचा होने के साथ साथ राहत फतेह अली खान के गुरु भी थे. उनके निधन के बाद जब राहत फतेह अली खान को पहली बार मंच पर गाने का मौका मिला तब वो फूट फूट कर रो दिए.
नुसरत फतेह अली खान को पूरी दुनिया कव्वाली के शहंशाह के तौर पर याद करती है. उनको इस दुनिया से गए ढाई दशक से ज्यादा का समय बीत चुका है. उनकी आवाज की ताजगी आज भी कानों को सुकून देती है. उनकी गाई हुई कव्वालियां आज भी ऐसी लगती हैं कि सामने बैठकर सुन रहे हों. नुसरत फतेह अली खान साहब उन सिंगर्स में से एक थे जिन्हें कोई सरहद नहीं बांध पाई थी. नई पीढ़ी को कव्वाली के फन से रूबरू कराने वालों में नुसरत फतेह अली खान का नाम सबसे ऊपर है. जिनके भतीजे हैं राहत फतेह अली खान. नुसरत फतेह अली खान ही राहत फतेह अली खान के गुरु भी थे. उनके निधन के बाद जब राहत फतेह अली खान को पहली बार मंच पर गाने का मौका मिला तब वो फूट फूट कर रो दिए.
फूट फूट कर रोए राहत फतेह अली खान
राहत फतेह अली खान का एक पुराना वीडियो इंस्टाग्राम पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वो मंच पर बैठ कर कव्वाली गा रहे हैं. इंस्टाग्राम हैंडल के कैप्शन के मुताबिक राहत फतेह अली खान का नुसरत फतेह अली खान के जाने के बाद ये पहला कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम में नुसरत फतेह अली खान की कव्वाली गाते गाते राहत फतेह अली खान फूट फूट कर रो पड़े. पहले तो उन्होंने बीच में गाना ही रोक दिया और रोते रहे. फिर खुद पर काबू रखते हुए उन्होंने गाना शुरू कर दिया. लेकिन आंखों से आंसू लगातार बहते रहे.
नुसरत फतेह अली खान के वारिस
आपको बता दें कि नुसरत फतेह अली खान ने बहुत शिद्दत से राहत फतेह अली खान को कव्वाली गाना सिखाया था. बहुत कम उम्र से ही राहत फतेह अली खान उनके साथ मंच पर कव्वाली गाने लगे थे. कहा जाता है कि नुसरत फतेह अली खान की ये आखिरी ख्वाहिश थी कि उनके भतीजे राहत फतेह अली खान को ही उनका वारिस चुना जाए.
NDTV India – Latest
More Stories
US का स्वर्ण काल शुरू, किसी वजह से जिंदा हूं : ट्रंप ने शपथ लेते ही ‘अमेरिका फर्स्ट’ की बात कही
डोनाल्ड ट्रंप को शपथ लेते ही दुनिया भर से मिलने लगे बंधाई संदेश, जानिए किसने क्या कहा
डोनाल्ड ट्रंप की प्राथमिकता अमेरिका प्रथम, सीमा को सुरक्षित करने के लिए उठाएंगे साहसिक कदम: व्हाइट हाउस