रोजगार के आंकड़ों की सच्चाई कुछ और है तो फिर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने विदेशी धरती पर चीन की तारीफ और अपने ही देश की ऐसी छवि पेश क्यों की, इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर कुछ ऐसा कह दिया है, जिसकी वजह से जमकर बवाल हो रहा है. उन्होंने भारत में उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा था कि वैश्विक उत्पादन में चीन का प्रभुत्व है इसलिए वह बेरोजगारी (China Employment) का सामना नहीं कर रहा, जबकि भारत और अमेरिका समेत पश्चिमी देश बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं.भारत के युवा बिना रोजगार के इधर-उधर भटक रहे हैं. अब सवाल यह है कि क्या वाकई राहुल का दावा एकदम सही है. क्या ड्रैगन की तस्वीर इतनी ही चमकदार है, जितनी राहुल गांधी ने बताई है. क्या चीन और वियतनाम जैसे देशों में बेरोजगारी है ही नहीं?
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राहुल गांधी ने भले ही भारत की आलोचना करते हुए चीन की चमकदार तस्वीर पेश की हो, लेकिन आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं. चीन के हालिया बेरोजगारी आंकड़ों को देखें तो उसका हाल भी बुरा ही है. चाहे वह जुलाई की बेरोजगारी दर हो या फिर साल 2022 की वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट, चीन की हालत भी खस्ताहाल है. फिर सवाल यह है कि राहुल गांधी ने किस आधार पर रोजगार के मामले में चीन के फलने-फूलने का दावा किया है.
सितंबर 2024 में इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में युवा बेरोजगारी बड़ी समस्या थी. विशेषज्ञों मान रहे थे कि नई अनुत्पादक ताकतें देश में बेरोजगारी बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं. इसी की वजह से देश मंदी के कगार पर जा रहा है. ऐसे हालात में चीन का मंदी का शिकार होना कोई बड़ी बात नहीं है. युवा बेरोजगारी का मतलब उद्योगों में मेनपावर की मांग में कमी आना है. अगर हालात ऐसे ही रहे तो यह चीनी वित्तीय बाजारों के लिए खतरे की घंटी होगी.
जुलाई में, चीन में 16 से 24 साल के युवाओं के लिए बेरोजगारी दर 17.1 प्रतिशत की नई ऊंचाई पर पहुंच गई. ये वह युवा हैं, जो स्कूल नहीं जाते. यह डाटा राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो की तरफ से दिया गया है.
जुलाई 2024 में चीन में बेरोजगारी दर 17.1% जून में युवाओं के लिए बेरोजगारी दर 13.2 प्रतिशत थी.
चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने संसद के उद्घाटन सत्र में ये उम्मीद जताई थी कि इस साल शहरी क्षेत्रों में 12 मिलियन से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी और सर्वे के मुताबिक, शहरी बेरोजगारी दर करीब 5.5 प्रतिशत रहेगी. एनपीसी वार्षिक सत्र में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत हिस्सा लेने वाले दो हजार से ज्यादा प्रतिनिधियों ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रमुख पहलों पर विचार-विमर्श किया था. दरअसल कोरोना महामारी के बाद से देश मंदी से जूझ रहा है.जनवरी में NBS ने दिसंबर की बेरोजगारी पर आंकड़े जारी किए थे.
दिसंबर 2023 में 16 से 24 साल की आयु वर्ग के लिए बेरोजगारी दर 14.9 प्रतिशत थी.साल 2002 से 2009 तक चीन में यह बेरोजगारी दर 4.2 प्रतिशत थी.जून 2023 में यह बेरोजगारी दर 21.3 प्रतिशत रही.
राहुल गांधी ने क्यों किया देश का अपमान?
आंकड़े ये बताने के लिए काफी हैं कि चीन में बेरोजगारी का क्या आलम है, अगर आंकड़ों की सच्चाई ये है तो फिर राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर चीन की तारीफ और अपने ही देश की ऐसी छवि पेश क्यों की, इस सवाल का जवाब देश जानना चाहता है.
#WATCH | Dallas, Texas, USA: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi says, “The West has an employment problem. India has an employment problem… But many countries in the world don’t have an employment problem. China certainly doesn’t have an employment problem. Vietnam… pic.twitter.com/n0XrpbE6LK
— ANI (@ANI) September 8, 2024
राहुल को देश के अपमान की आदत-बीजेपी
राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी भी हमलावर है. बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने तो यहां तक कह दिया कि राहुल को भारत का अपमान करने की आदत है. वह चीन के लिए लड़ने के लिए उत्सुक हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया जानती है कि अगस्त 2024 तक चीन में 17% युवा बेरोजगार थे. उन्होंने कहा कि देश की कानूनी प्रणाली पर उनके हमले की वजह उनका जमानत पर बाहर होना है. वह फूट डालो और राज करो की रणनीति की वजह से ही देश में सामाजिक तनाव की बात करते हैं.
जून 2023 में 16 से 24 साल की उम्र के शहरी श्रमिकों की बेरोजगारी दर रिकॉर्ड 21.3 फीसदी थी.जुलाई में कुल बेरोजगारी दर जून से 1 प्रतिशत ज्य़ादा 5.3 फीसदी थी.
बता दें कि साल 2023 में खबर आई थी कि बेरोजगारी से परेशान चीन ने आंकड़े जारी करने पर ही लगाम लगा दी, इसकी पुष्टि सरकार के एक प्रवक्ता ने की थी.एनबीएस ने अगस्त 2023 में कहा था कि बेरोजगारी डेटा जारी नहीं किया जाएगा. बल्कि इस बात पर विचार किया जाएगा कि बेरोजगारी दर को किस तरह से मापा जाए. लेकिन हमारे देश के कांग्रेस नेता का दावा इसके बिल्कुल उलट है. वह कह रहे हैं कि चीन रोजगार के मामले में भारत से अव्वल है, लेकिन आंकड़ों ने राहुल के दावों की पोल खोल कर रख दी है.
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