उत्तर प्रदेश के मूल निवासी एवं तृतीय वर्ष के कंप्यूटर विज्ञान के एक छात्र अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाया गया था. प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने दावा किया था कि मृतक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहा था और उसे तय उपस्थित से कम कक्षाएं लेने वाले छात्र के रूप में चिह्नित किया गया था. जिसके बाद से वह मानसिक रूप से परेशान था.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी के प्राधिकारियों ने तृतीय वर्ष के एक छात्र द्वारा कथित रूप से आत्महत्या किए जाने के बाद एक बड़ा कदम उठाया है और प्रवेश के लिए व्यापक चिकित्सा जांच (comprehensive medical) को अनिवार्य कर दिया है. बता दें कि इस साल आईआईटी कैंपस में कुल चार छात्रों ने आत्महत्या की है. हाल ही में उत्तर प्रदेश के मूल निवासी एवं तृतीय वर्ष के कंप्यूटर विज्ञान के एक छात्र अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाया गया था. इस घटना के बाद संस्थान के विद्यार्थियों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था और उन्होंने सभी के लिए उचित मानसिक स्वास्थ्य सहायता की मांग की थी.
तनाव में था छात्र
प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने दावा किया था कि मृतक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहा था और उसे तय उपस्थित से कम कक्षाएं लेने वाले छात्र के रूप में चिह्नित किया गया था, जिसके बाद से वह मानसिक रूप से परेशान था. उन्होंने आरोप लगाया कि मृतक छात्र ने आवश्यक चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे, लेकिन उन पर विचार नहीं किया गया, जिससे वह और अधिक तनाव में चला गया.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी (आईआईटीजी) के शैक्षणिक मामलों के डीन के वी कृष्णा ने न्याय की मांग कर रहे विद्यार्थियों के विरोध प्रदर्शन के बाद अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया था.
वहीं अब संस्थान ने एक प्रेस बयान में कहा कि इनमें (आत्महत्या) से कई घटनाएं गैर-शैक्षणिक प्रकृति की थीं. लेकिन छात्रों की भलाई के लिए बेहतर सहायता प्रणाली और निवारक उपायों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया जाएगा. आईआईटी गुवाहाटी ने कई पहलों को लागू किया है. जिनमें खुला संवाद और समर्थन, उन्नत परामर्श सेवाएं, संकाय सलाहकार प्रणाली और व्यापक चिकित्सा जाँच शामिल है.
आईआईटी गुवाहाटी प्रवेश के समय एक बार की अनिवार्य चिकित्सा जांच शुरू कर रहा है. इससे संस्थान को अनुकूलित सहायता प्रदान करने और छात्रों को आवश्यक देखभाल सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.
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