April 8, 2025

जब असली नाम से फिल्मों में आए तो बुरी तरह से फ्लॉप हुए थे ये लीजेंड्री एक्टर, करियर चमकाने के लिए नाम रखा देव आनंद​

कुछ स्टार्स ने नाम में ऐसा बदलाव किया कि लोगों के दिलोदिमाग पर छा गए. रील नेम से इतने पॉपुलर हुए कि रियल नेम की ओर किसी का ध्यान ही नहीं गया.

कुछ स्टार्स ने नाम में ऐसा बदलाव किया कि लोगों के दिलोदिमाग पर छा गए. रील नेम से इतने पॉपुलर हुए कि रियल नेम की ओर किसी का ध्यान ही नहीं गया.

शेक्सपियर के ड्रामा रोमियो एंड जूलियट का पॉपुलर डायलॉग है जिसका हिंदी में सीधा सादा सा तर्जुमा है-‘नाम में क्या रखा है’. लेकिन यही नाम कुछ सितारों के लिए कभी कभी ऐसे फायदेमंद साबित हुए कि उन्हें एक नाम से स्टार ही बना दिया. स्टार्स ने नाम में ऐसा बदलाव किया कि लोगों के दिलोदिमाग पर छा गए. रील नेम से इतने पॉपुलर हुए कि रियल नेम की ओर किसी का ध्यान ही नहीं गया. हम आपको 60-70 के ऐसे ही सुपर स्टार्स से रूबरू करा रहा हैं. इस लिस्ट में अमिताभ बच्चन से लेकर संजीव कुमार तक शामिल हैं.

दिलीप कुमार (Dilip Kumar)

हिंदी सिनेमा जगत के कभी टॉप स्टार रहे दिलीप कुमार. 60 का दौर हो या फिर आज का एक्टर्स उनकी एक्टिंग के कायल हैं. हमारी इंडस्ट्री के इस बड़े सितारे का नाम भी असल नहीं था, ये उनका फिल्मी नाम था. ओरिजनल नाम मुहम्मद यूसुफ खान था. एक मुलाकात के दौरान देविका रानी ने कुमार से पूछा था, ‘क्या आप एक्टिंग करना चाहते हैं? और जवाब आया हां. देविका रानी ने यूसुफ खान का नाम बदलने की सलाह दी और उनका नाम दिलीप कुमार पड़ गया. इस नाम ने उन्हें पॉपुलैरिटी भी खूब दिलाई.

मनोज कुमार (Manoj Kumar)

इनके ही एक फैन थे एक्टर मनोज कुमार. बॉलीवुड के ‘भारत कुमार’ किसी पहचान के मोहताज नहीं. सभी जानते हैं कि उनका असली नाम मनोज नहीं था. उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में स्वीकारा था. बताया कि ये नाम दिलीप साहब की ‘शबनम’ से इंस्पायर्ड था. उन्होंने इस फिल्म को देखकर अपना नाम हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी से बदलकर मनोज कुमार रख लिया. ‘शबनम’ में दिलीप कुमार का स्क्रीन नेम मनोज था.

देव आनंद (Dev Anand)

बात एवरग्रीन स्टार देव आनंद की! देव आनंद, जिनका चार्म बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक था. लोग उनके अलग अंदाज के कायल थे. हालांकि इस शानदार कलाकार के असली नाम के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते होंगे. एक्टर का असली नाम ‘धर्मदेव पिशोरीमल आनंद’ था. वह इंडस्ट्री में देव आनंद के नाम से पॉपुलर हुए. घर वाले उन्हें चीरू कहकर बुलाते थे. बतौर हीरो देव आनंद की पहली फिल्म साल 1946 में ‘हम एक हैं’ थी, जो फ्लॉप रही और वह नाम बनाने में नाकामयाब रहे. धर्मदेव दर्शकों के बीच अपनी पहचान नहीं बना सके थे. इसके बाद उनकी साल 1948 में फिल्म ‘जिद्दी’ आई, जिसमें उनका नाम देव था. फिल्म सफल रही और उन्होंने अपने रील नेम को ही रियल के तौर पर चुन लिया.

संजीव कुमार (Sanjeev Kumar)

इन सबसे थोड़ी हटकर कहानी संजीव कुमार की थी. उन्हें ना किसी ने कहा, न वो किसी से इंप्रेस हुए बल्कि उन्हें खुद लगा तो नाम बदल दिया. उनका असली नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला है. गुजराती परिवार में जन्मे एक्टर का मानना था कि उनका असली नाम एक्टर होने के हिसाब से सही नहीं है. ऐसे में उन्होंने नाम बदलने की सोची और डायरेक्टर कमाल अमरोही के सुझाव को मानते हुए हरिहर जेठालाल जरीवाला से संजीव कुमार बन गए.

अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan)

बात सदी के महानायक बिग बी की. इनके नेम चेंज की कहानी भी दिलचस्प है. अमिताभ का असली नाम इंकलाब श्रीवास्तव है. उनके पिता और साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन ने छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत के कहने पर अपने बेटे का नाम इंकलाब से बदलकर अमिताभ रख दिया था. ये नाम हमारी इंडस्ट्री की पहचान के साथ जुड़ गया, ऐसा नाम जिसकी गूंज सात समंदर पार तक है.

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