राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के साथ ही उनके दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को जमीन के बदले नौकरी मामले (Land for Job Case) में सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होना है.
जमीन के बदले नौकरी मामले (Land for Job Case) में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. यादव और उनके दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव सोमवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू केस में कोर्ट में पेश होंगे. ईडी ने इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी, जिसके आधार पर कोर्ट ने तीनों को समन भेजा था. यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर भारतीय रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन के रूप में अवैध लाभ अर्जित करने का आरोप है.
लालू यादव पटना से एयर इंडिया के विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. वहीं तेजस्वी यादव भी पेशी के लिए अपने विदेश दौरे से दिल्ली लौट आए हैं.
तेजप्रताप की इस मामले में पहली पेशी
इस मामले में तेजप्रताप यादव पहली बार कोर्ट में पेश होंगे. न्यायाधीश ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि अदालत को प्रथम दृष्टया और समन के चरण में आवश्यक जांच के मानक के मद्देनजर यह निष्कर्ष निकालने के लिए बाध्यकारी आधार मिलता है कि तेज प्रताप यादव भी अधिग्रहण और अपराध की आय को छिपाने में शामिल थे और इस प्रकार वर्तमान पूरक शिकायत पर तलब किए जाने के लिए उत्तरदायी हैं.
लालू प्रसाद यादव पर ED ने लगाए ये आरोप
ईडी ने लालू प्रसाद यादव पर अपराध से अर्जित आय के अधिग्रहण को छिपाने के लिए अपने परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के साथ आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया है.
एजेंसी ने आरोप लगाया कि जब प्रसाद रेल मंत्री थे, तब मुख्य रूप से पटना के महुआ बाग में जमीन मालिकों को रेलवे में नौकरियां देने के वादे के साथ कम कीमत पर अपनी जमीन बेचने के लिए राजी किया गया था.
ईडी ने आरोप लगाया था कि इनमें से कई भूखंड पहले से ही यादव परिवार के पास मौजूद जमीन के पास स्थित थे. इस मामले में सात में से छह भूखंड राबड़ी देवी से जुड़े थे और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त किए गए थे.
ईडी ने कहा था कि यह मामला 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में प्रसाद के कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से संबंधित है. ईडी के मुताबिक राजद प्रमुख के परिवार या सहयोगियों को हस्तांतरित की गई या तोहफे में दी गई जमीन के बदले ये नियुक्तियां की गईं.
अदालत ने इस मामले में सभी आठ आरोपियों को समन भेजा था.
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