9वीं मंजिल पर फंसे थे यश यादव. 35 साल का ये शख्स, अपनी 10 साल की बेटी और बेटे के साथ बालकनी में खड़ा था. सामने लपटें थीं, पीछे धुआं, और चारों ओर चीखें. कोई सीढ़ी नहीं, कोई रास्ता नहीं, सिर्फ मौत का इंतजार. जब कोई उम्मीद नहीं बची, तो उन्होंने एक-एक कर दोनों बच्चों को नीचे धकेला. फिर खुद भी छलांग लगा दी. 9वीं मंजिल पर फंसे थे यश यादव. 35 साल का ये शख्स, अपनी 10 साल की बेटी और बेटे के साथ बालकनी में खड़ा था. सामने लपटें थीं, पीछे धुआं, और चारों ओर चीखें. कोई सीढ़ी नहीं, कोई रास्ता नहीं, सिर्फ मौत का इंतजार. जब कोई उम्मीद नहीं बची, तो उन्होंने एक-एक कर दोनों बच्चों को नीचे धकेला. फिर खुद भी छलांग लगा दी. NDTV India – Latest
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