March 31, 2025
जस्टिस यशवंत वर्मा केस में cji को रिपोर्ट का इंतजार, दे सकते हैं fir की इजाजत: सूत्र

जस्टिस यशवंत वर्मा केस में CJI को रिपोर्ट का इंतजार, दे सकते हैं FIR की इजाजत: सूत्र​

Justice Yashwant Varma: दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर भारी मात्रा कैश मिलने के मामले में जांच जारी है. इधर सूत्रों से यह जानकारी सामने आई कि सीजेआई इस मामले में दिल्ली पुलिस को एफआईआर की इजाजत दे सकते हैं.

Justice Yashwant Varma: दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर भारी मात्रा कैश मिलने के मामले में जांच जारी है. इधर सूत्रों से यह जानकारी सामने आई कि सीजेआई इस मामले में दिल्ली पुलिस को एफआईआर की इजाजत दे सकते हैं.

Justice Yashwant Varma: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कथित तौर पर नोटों की अधजली गड्डियां मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उनका तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट करने की सिफारिश की थी. सरकार ने शुक्रवार को इस सिफारिश पर अपनी मुहर लगा दी. सरकार की मंजूरी मिलने के बाद जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में कार्यभार संभालने के लिए कहा गया है. विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग (नियुक्ति प्रभाग) ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी.

अधिसूचना के अनुसार, “राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श के बाद, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने का निर्णय लिया है. राष्ट्रपति ने उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पदभार संभालने का निर्देश दिया है.”

दूसरी ओर इस हाई प्रोफाइल मामले में सूत्रों से बड़ी जानकारी सामने आई है. सूत्रों का कहना है कि CJI संजीव खन्ना इस मामले में जांच के लिए दिल्ली पुलिस को FIR दर्ज करने की इजाजत दे सकते हैं.

सीजेआई इन हाउस जांच की रिपोर्ट के इंतजार में

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार CJI संजीव खन्ना इन हाउस जांच की रिपोर्ट के इंतजार में हैं. तीन जजों की कमेटी इस मामले की जांच कर रही है. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद CJI दिल्ली पुलिस को FIR की इजाजत दे सकते हैं.

बताया गया कि अगले दो हफ्ते के भीतर कमेटी की रिपोर्ट आ सकती है. जिसके बाद सीजेआई इस मामले में आगे का फैसला लेंगे. इधर सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज करने के लिए CJI खन्ना से अनुमति मांगी थी.

कैश जस्टिस वर्मा का, या उन्हें बदनाम करने के लिए रखा गया

पुलिस यह जांच करना चाहती है कि ये कैश जस्टिस वर्मा का है या उन्हें बदनाम करने के लिए रखा गया. हालांकि, CJI खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों द्वारा निर्धारित प्रक्रिया को चुना है. इनके आधार लिए जांच पैनल गठित करना जरूरी था.

जांच पैनल अप्रैल के पहले सप्ताह के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है. जिसके बाद मामले में आगे की कार्रवाई होगी.

तीन जजों की कमेटी कर रही मामले की जांच

बताते चले कि जस्टिस वर्मा के आवास पर कैश की जांच करने वाली कमेटी में पंजाब और हरियाणा HC के चीफ जस्टिस शील नागू , हिमाचल प्रदेश HC के CJ जस्टिस और जी एस सिधरावालिया तथा कर्नाटक हाईकोर्ट की जज जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं.

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