November 24, 2024
जिसका डर था वही हुआ, भारत पहुंचा मंकीपॉक्स का 'शैतान' वैरिएंट, जानिए कितना खतरनाक

जिसका डर था वही हुआ, भारत पहुंचा मंकीपॉक्स का ‘शैतान’ वैरिएंट, जानिए कितना खतरनाक​

भारत में मंकीपॉक्‍स के 'क्‍लेड 1 बी' वैरिएंट का पहला मामला केरल में सामने आया है, जिसके बाद स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय सतर्क हो गया है. हवाईअड्डों पर निगरानी बढ़ा दी गई है. एमपॉक्स 'क्‍लेड 1 बी' बेहद खतरनाक वैरिएंट है, जो तेजी से फैलता है.

भारत में मंकीपॉक्‍स के ‘क्‍लेड 1 बी’ वैरिएंट का पहला मामला केरल में सामने आया है, जिसके बाद स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय सतर्क हो गया है. हवाईअड्डों पर निगरानी बढ़ा दी गई है. एमपॉक्स ‘क्‍लेड 1 बी’ बेहद खतरनाक वैरिएंट है, जो तेजी से फैलता है.

मंकीपॉक्‍स का खतरनाक वैरिएंट ‘क्‍लेड 1 बी’ भारत पहुंच गया है. यह बहुत तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है, जो कांगो सहित कई देशों में इन दिनों कोहराम मचा रहा है. भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने मंकीपॉक्‍स के इस ‘शैतान’ वैरिएंट को रोकने के लिए काफी तैयारी की, लेकिन जिसका डर था वही हुआ… मंकीपॉक्‍स के वैरिएंट ‘क्‍लेड 1 बी’ का पहला मामला भारत में दर्ज हो गया है. क्लेड 1बी स्ट्रेन मलप्पुरम जिले के एक 38 वर्षीय व्यक्ति में पाया गया है, जो हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से भारत लौटा था. भारत, अफ्रीका के बाहर तीसरा देश बन गया है, जिसमें एमपॉक्स वायरस के क्लेड आईबी रूप के किसी मामले की पुष्टि हुई है.

केरल में हाई अलर्ट, जारी होंगे नए दिशा-निर्देश

एमपॉक्स वायरस के क्लेड-1 का मामला सामने आने के बाद केरल में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग हाई अलर्ट पर है. कई अस्‍पतालों में मंकीपॉक्‍स मरीजों के लिए स्‍पेशल वार्ड बनाए गए हैं, ताकि इस वायरस को फैलने से रोका जा सके. केरल के स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्‍स (Mpox) की रोकथाम और उपचार के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी करने की प्‍लानिंग कर रहा है. इधर, केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य विभाग भी और ज्‍यादा सतर्क हो गया है, मंकीपॉक्‍स वैरिएंट ‘क्‍लेड 1 बी’ बेहद खतरनाक है, लेकिन इसके बारे में अभी तक बहुत जानकारी उपलब्‍ध है. ऐसे में इसे रोक पाना मुश्किल होगा.

हवाई अड्डों पर बढ़ाई गई निगरानी

मंकीपॉक्‍स के नए वैरिएंट का मामला सामने आने के बाद केरल स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने नए दिशा-निर्देश जारी करने को लेकर एक बैठक की. इस बैठक के बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि मामलों की संख्या बढ़ने पर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘सभी जिलों में आइसोलेशन सुविधाएं स्थापित की गई हैं और हवाई अड्डों सहित निगरानी को मजबूत किया गया है. इस समय पांच लैब में परीक्षण सुविधाओं की व्यवस्था की गई है. यदि आवश्यक हुआ, तो परीक्षण के लिए लैब की संख्‍या बढ़ा दी जाएगी.’ हालांकि, मंत्री ने अपने बयान में यह उल्लेख नहीं किया कि भारत में एमपॉक्स स्ट्रेन का पहला पुष्ट मामला केरल के एक मरीज में पाया गया था, उन्होंने घोषणा की कि राज्य में एमपॉक्स की रोकथाम और प्रभावी उपचार के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे.

पहले हरियाण, अब केरल…भारत में बढ़ रहे मंकीपॉक्‍स के मामले

इससे पहले, नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत में एमपॉक्स स्ट्रेन का पहला मामला केरल के एक मरीज में सामने आया था, जिसका पिछले सप्ताह परीक्षण पॉजिटिव आया था. उन्होंने कहा कि क्लेड 1बी स्ट्रेन मलप्पुरम जिले के एक 38 वर्षीय व्यक्ति में पाया गया था, जो हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से लौटा था. सूत्रों ने बताया कि मरीज की हालत स्थिर है. उन्होंने कहा, ‘यह मौजूदा स्ट्रेन का पहला मामला था, जिसके कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पिछले महीने दूसरी बार Mpox को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया.’ राष्ट्रीय राजधानी में सामने आया Mpox का पिछला मामला हरियाणा के हिसार का 26 वर्षीय युवक का था, जो इस महीने की शुरुआत में पश्चिमी अफ्रीकी क्लेड 2 स्ट्रेन पॉजिटिव पाया गया था. हालांकि, भारत के लिए एमपॉक्स वायरस नया नहीं है, 2022 से 2024 तक 30 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं.

भारत समेत इन देशों में मंकीपॉक्‍स का कोहराम

भारत अफ्रीका के बाहर तीसरा देश बन गया है, जिसने एमपॉक्स वायरस के क्लेड आईबी रूप के एक मामले की पुष्टि हुई है. दुनियाभर के देश इससे परेशान हैं, क्योंकि यह तेजी से फैल रहा है और इस स्ट्रेन के बारे में बहुत कम जानकारी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अगस्त में दो वर्षों में दूसरी बार एमपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है, जब डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में वायरल संक्रमण का प्रकोप पड़ोसी देशों में फैल गया है. क्लेड आईबी एमपॉक्स के पुष्ट मामलों वाले देश निम्नलिखित हैं:

डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो: कांगो में इस समय एमपॉक्स के दो स्ट्रेन फैल रहे हैं- स्थानिक क्लेड-I और नया क्लेड Ib, जो यौन सहित निकट संपर्क के माध्यम से अधिक आसानी से फैलता है. 15 सितंबर तक, डीआरसी में 2024 में कुल 5,399 मामले और 25 मौतें देखी गई हैं. डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, देश ने पिछले चार हफ्तों में एमपॉक्स के 794 मामलों की पुष्टि की है.स्वीडन: 15 अगस्त को वैश्विक स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्वीडन में एमपॉक्स वायरस के एक नए प्रकार के संक्रमण की पुष्टि की, जो अफ्रीकी महाद्वीप के बाहर इसके प्रसार का पहला मामला था. स्वीडन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि व्यक्ति अफ्रीका में रहते हुए हाल ही में हुए प्रकोप में शामिल एमपॉक्स के क्लेड आईबी प्रकार से संक्रमित हुआ था. व्यक्ति का इलाज चल रहा है.थाईलैंड: थाईलैंड में रिपोर्ट किए गए एमपॉक्स मामले की पुष्टि वायरस के क्लेड आईबी प्रकार से हुई है, जो देश में पहला मामला है. एक रोग नियंत्रण अधिकारी ने 22 अगस्त को बताया कि एमपॉक्‍स का मामला सामने आया है. यह मामला पहली बार 21 अगस्त को रिपोर्ट किया गया था, और थाईलैंड ने कहा था कि यह एक 66 वर्षीय यूरोपीय व्यक्ति था, जो एक अफ्रीकी देश से आया था, जहां यह बीमारी फैल रही थी.भारत: भारत ने कहा कि दक्षिणी राज्य केरल में एक यात्री से जुड़ा एमपॉक्स मामला तेजी से फैलने वाले क्लेड 1बी किस्म का है, जो नए स्ट्रेन से देश का पहला दर्ज मामला है. केरल के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह बताया था कि मरीज 38 वर्षीय व्यक्ति है, जो संयुक्त अरब अमीरात से आया था.बुरुंडी: बुरुंडी में 15 सितंबर तक क्लेड इब एमपॉक्स के 564 मामले दर्ज किए गए, जिनमें कोई मौत नहीं हुई है. डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले चार हफ्तों में क्लेड इब एमपॉक्स के 411 मामले सामने आए.केन्या: विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, 15 सितंबर तक केन्या में क्लेड इब एमपॉक्स के पांच मामले सामने आए, जिनमें कोई मौत नहीं हुई.रवांडा: डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, 15 सितंबर तक देश में क्लेड इब एमपॉक्स के छह पुष्ट मामले सामने आए, जिनमें कोई मौत नहीं हुई.युगांडा: 15 सितंबर तक, युगांडा में क्लेड आईबी एमपॉक्स के 11 मामले सामने आए हैं, जिनमें से किसी की मौत नहीं हुई है. डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, ये मामले देश में पहचाने गए पहले पुष्टि किए गए एमपॉक्स मामलों में से हैं.

मंकीपॉक्‍स के ये हैं लक्षण

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) द्वारा 2022 में मंकीपॉक्‍स को इंटरनेशनल हेल्‍थ इमरजेंसी घोषित किए जाने के बाद से भारत में 30 मामले सामने आए हैं. मंकीपॉक्‍स संक्रमण आमतौर पर खुद ही खत्‍म हो जाता है, जो दो से चार सप्ताह तक चलता है, और मरीज आमतौर पर सामान्‍य इलाज से ठीक हो जाते हैं. मंकीपॉक्‍स के मरीज में आमतौर पर बुखार, दाने और सूजे हुए लिम्फ नोड्स जैसे लक्षण नजर आते हैं.

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