सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जेल अधिकारियों को उनके साथ मानवीय व्यवहार करना चाहिए. कैदियों के बीच जाति को अलगाव के आधार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है क्योंकि इससे दुश्मनी पैदा होगी.
कई राज्यों की जेलों में जाति आधारित भेदभाव पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है कि जेलों में जाति के आधार पर भेदभाव नहीं हो सकता है. कैदियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार न करना औपनिवेशिक विरासत है. जेलों में बनाए गए इस नियम को खत्म किया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जेल अधिकारियों को उनके साथ मानवीय व्यवहार करना चाहिए. कैदियों के बीच जाति को अलगाव के आधार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है क्योंकि इससे दुश्मनी पैदा होगी. यहां तक कि कैदी भी गरिमा से जीवन जीने का अधिकार रखता है.
NDTV India – Latest
More Stories
महाकुंभ में टीम योगी : मीटिंग के बाद गंगा में आस्था की डुबकी; फिर किया भोजन; देखें VIDEO
इस ड्रेस के आगे फैल है उर्फी जावेद के सारे डिजाइन, वायरल तस्वीरें देख लोग हो रहे शॉक्ड
अंधेरे से डरता है आपका बच्चा? अकेले रहने से घबराता है, तो इन 5 आसान तरीकों से करें बच्चे के डर को दूर